10 वीं कक्षा में चपरासी ने प्राप्त किये 99.7% अंक , लेकिन पढ़ने लिखने में है अक्षम

अब कोर्ट ने दिया लिखावट की जाँच के आदेश


धांधली 

अभी हाल ही में अनेक राज्यों में कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया लगभग सभी छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अच्छे अंक भी प्राप्त किये लेकिन कर्णाटक राज्य से एक ऐसा मामला सामने आया है कि जिसने शिक्षा के सिस्टम पर प्रश्नचिन्ह लगाने जैसा काम किया है | 

कर्णाटक के कोप्पल कोर्ट में सफाई कर्मचारी की हैसियत से काम करने वाले एक कर्मचारी जिसका नाम प्रभु लक्ष्मी कांत लोकरे है ने हाई स्कूल की परीक्षा में 99 प्रतिशत से भी अधिक अंक प्राप्त करके सबको हैरत में डाल दिया इसके बाद प्रभु लक्ष्मीकांत लोकरे को उसके अंकों के आधार पर योग्य मानते हुए उसे उसी कोप्पल कोर्ट में सफाई कर्मी से चपरासी की नौकरी मिल गई है कहानी में मोड़ तब आया जब जज साहब को मालूम हुआ कि प्रभु जो चपरासी के पद पर नियुक्त हुआ है वो कुछ भी पढने लिखने में असमर्थ है मामले के उजागर होते ही प्रभु के विरुद्ध 26 अप्रैल 2024 को निकटवर्ती पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है पुलिस रिपोर्ट के अनुसार प्रभु ने कक्षा 7 के बाद सीधे कक्षा 10 की परीक्षा दी है और इस हाई स्कूल की परीक्षा में उसने कुल 625 अंको में से 623 अंक प्राप्त किये है यानि उसने 99.7% अंक प्राप्त किये है लेकिन उसका पिछला रिकॉर्ड कहता है कि वह हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में पढ़ या लिख नहीं सकता है इसलिए जज के मन में ये संदेह उत्पन्न हुआ कि ऐसा आदमी जो पढ़ लिख नहीं सकता है उसने हाई स्कूल कि परीक्षा में 99.7% अंक कैसे प्राप्त किये है साथ ही जज ने पुलिस को कहा कि उसकी लिखावट की भी जाँच की जायें और उसकी लिखावट को उसकी कक्षा 10 की परीक्षा कॉपी की लिखावट के साथ मिलान किया जाएँ | 

पुरे मामले पर प्रभु ने कहा कि उसने वर्ष 2018 में दिल्ली शिक्षा बोर्ड से कक्षा 10 की परीक्षा दी है और ये परीक्षा कर्णाटक के बागलकोटे के एक संस्थान पर हुई थी  | 


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