संदेश

दिसंबर 24, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

चित्र
वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

उत्तराखण्ड में अब प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की भी होगी प्रमाण पत्रों की जाँच

चित्र
कई निजी स्कूल में शिक्षक नहीं पूरा करते NCTE मानक  प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की भी होगी प्रमाण पत्रों की जाँच  नियमानुसार ऐसे शिक्षक जो NCTE के मानकों को पूरा नहीं करते है कि स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिए योग्य नहीं माने जायेंगे , शिक्षक को अनिवार्य रूप से NCTE के मानकों को पूरा करना चाहिए | अब उत्तराखंड शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में तैनात शिक्षक और प्रधानाचार्य के शैक्षिक योग्यता प्रपत्रों को भी जांचेगा क्योंकि जब सरकारी मशीनरी SIT सरकारी अध्यापकों के प्रमाण पत्रों और शैक्षिक योग्यता की जाँच कर रही थी तभी से ये मांग भी उठ रही थी कि प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाचार्य के प्रमाण पत्रों की भी जाँच SIT से कराई जाये लेकिन SIT को केवल सरकारी अध्यापकों के प्रमाण पत्र और शैक्षिक योग्यता की जाँच के आदेश थे इसलिए अब उत्तराखंड शिक्षा विभाग ये जाँच नए सिरे से करवाएगा | मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत ने एक सप्ताह के अंदर ये जाँच पूरी करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए है |  शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार राजधानी देहरादून में कई विद्यालय में ऐसे शिक्षक हो सकते है जो NCTE के मानकों क

प्रोजेक्ट वर्क कक्षा 9 ओर 10 सामाजिक विज्ञान -जलवायु

चित्र
प्रोजेक्ट कार्य संख्या 02 सामाजिक विज्ञान भूगोल  प्रोजेक्ट वर्क सामाजिक विज्ञान -जलवायु  परियोजना का नाम -  जलवायु  परियोजना का उदेश्य -  जलवायु परिवर्तन आज समुद्र स्तर की बढ़ती रफ्तार, अत्यधिक तापमान, और विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय बदलावों के कारण एक गंभीर चुनौती बन गया है। इस परिस्थिति के सामने होने वाले समस्त सामाजिक और आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, जलवायु विषय पर एक प्रोजेक्ट बनाने का मुख्य उद्देश्य है जागरूकता बढ़ाना, समस्त समुदाय को शिक्षित करना और जलवायु परिवर्तन के सामाजिक और आर्थिक पहलुओं को समझाना है। इस प्रोजेक्ट का पहला उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के बारे में जनजागरूकता बढ़ाना है। हमारे समुद्रों का स्तर बढ़ रहा है, जिससे तट स्थलीय समुदायों को सीधे प्रभावित कर रहा है। हमें इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप होने वाले असरों को सही से समझाना होगा ताकि हम सही से तट सुरक्षा योजनाएं तैयार कर सकें। दूसरा उद्देश्य समुद्रों में अधिकतम ओटी स्थानों की पहचान और बचाव की योजनाएं तैयार करना है। जलवायु परिवर्तन के कारण तात्कालिक समुद्री रूपरेखा में बदलावों का प्रबंधन करना हमारे समुद्रों की

UGC ने बंद कर दी है अब ये डिग्री , इस कोर्स में न लें प्रवेश

चित्र
2024-2025 से इस डिग्री की मान्यता हुई रद्द  इस कोर्स में न लें प्रवेश  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अब एमफिल प्रोग्राम बंद कर दिया है 2024 से इस प्रोग्राम में  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा कोई डिग्री नहीं दी जाएगी और न हीं इसकी कोई मान्यता मानी जाएगी इसलिए  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों से इस डिग्री में प्रवेश ना लेने को कहा है, इससे पूर्व के आदेश नवंबर 2022 में  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एमफिल डिग्री को बंद करने का आदेश जारी कर दिया था  |  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पीएचडी डिग्री के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया विनियम 2022 आदेश को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया है जिसमे विनियमन संख्या 14 में लिखा गया है कि अब  एमफिल प्रोग्राम कोई मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है , कोई उच्च शैक्षणिक संस्थान अब  एमफिल प्रोग्राम के लिए आवेदन आमंत्रित नहीं करेगा |  इस बीच पश्चिमी बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बासु ने अपंने एक बयान में कहा है कि राज्य सरकार पश्चिमी बंगाल  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा 2023-2024 शैक्षणिक सत्र के लिए एमफिल प्रोग्राम म

अब उत्तराखण्ड में डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड से कटेगा गाड़ियों का चालान

चित्र
पहले चरण में 10 डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाए गए डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड  उत्तराखंड में भी अब हाईटेक उपकरणों के द्वारा ओवर स्पीड वाहनों पर कंट्रोल कर दुर्घटनाओं में कमी करने की कवायद शुरू की जा चुकी है इसके लिए यातायात पुलिस ने  डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाने शुरू कर दिए है इसके पहले चरण में उत्तराखंड में 10 जगहों पर डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाए गए है जिससे लोगो की ओवर स्पीड नकेल कसी जा सकें और दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकें , ऐसे चालक जो ओवर स्पीड में लिप्त पाए जायेंगे उनका चालान भी किया जायेगा | पुलिस महानिदेशक यातायात की और से ओवर स्पीड के निर्धारण के लिए हाईटेक मशीनों से गतिसीमा की चेतावनी देने के लिए प्रारंभिक चरण में ये डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाए गए है | उत्तराखंड शासन दवरा यातायात निदेशालय के लिए कुल 10 डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड खरीदे गए है जिनमे से एक डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड नैनीताल के थाना कालाढूंगी में दबका के पास कारा रेसॉर्ट पर लगाया गया है जबकि देहरादून ,हरिद्वार और उधम सिंह नगर में तीन तीन डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाए गए है|   डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड कैसे काम करते है - डिज

नीट UG 2024 के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया ने हुआ परिवर्तन , अब ये छात्र भी हो सकेंगे शामिल

चित्र
NMC ने जारी किये नए आदेश  एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया ने हुआ परिवर्तन  नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी ) ने वर्ष 2024 की मई में संभावित परीक्षा के लिए  नीट UG  2024 के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में बड़ा परिवर्तन किया है अब इस परीक्षा में ऐसे छात्र भी शामिल हो सकेंगे जिन्होंने अपनी कक्षा 12 यानि इंटरमीडिएट परीक्षा में मुख्य विषय के रूप में जीव विज्ञान विषय को नहीं लिया है ऐसे छात्र भी अपनी डॉक्टर बनने की इच्छा को अब पूरी कर सकेंगे वो भी अगले सत्र 2024 में होने परीक्षा में उत्तीर्ण होकर |  अब तक  नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी ) का नियम ये था कि NEET UG की परीक्षा में MBBS या BDS के कोर्स के लिए परीक्षार्थी को पात्र बनने के लिए कक्षा 10 और 12 में प्रयोगात्मक परीक्षा सहित भौतिकी ,रसायन विज्ञान,जीव विज्ञान या बायोटेक्नोलॉजी और अंग्रेजी विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य था , इस नियम के अनुसार कक्षा 12 में ही परीक्षार्थी को मुख्य विषय के रूप में  जीव विज्ञान या बायोटेक्नोलॉजी विषय लेना अनिवार्य था कक्षा 12 पास करने के बाद  जीव विज्ञान या बायोटेक्नोलॉजी को एक अतिरिक्त विषय के रूप में लेकर आप  नीट UG की परीक्ष

इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य

चित्र
इस प्रदेश ने किया शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम में परिवर्तन  अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  अब तक केवल प्रवक्ता पद धारक ही प्रधानाचार्य पद के लिए पात्र माने जाते थे लेकिन अब उत्तराखंड के इस पडोसी राज्य ने अपनी शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम नियामवली में परिवर्तन कर अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को भी प्रधानाचार्य पद पर आवेदन के योग्य बना दिया है , उत्तर प्रदेश  शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम नियामवली में परिवर्तन किया गया है इस परिवर्तन से करीबन 800 सहायक अध्यापक प्रधानाचार्य पद के लिए पात्र बन गए है |  उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी पिछले दिनों ही उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 की नियमावली के आधार पर प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम के सभी अध्यापकों को माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद के लिए आवेदन करने योग्य माना है , इस नियमावली के अनुसार माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के आलोक में ही प्रधानाचार्य पद की योग्यता होगी, इस  माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अनुसार उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के लिए प्रशिक्षित स्नात्तकोत्तर उपाधिधारक और कक्षा 9