वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल ने गाड़े सफलता के झंडे

उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल से एक साथ 40 छात्रों का सैनिक स्कूल में चयन 

उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल ने गाड़े सफलता के झंडे 

काफी लोगों के मन में ये धारणा बनी हुई है कि सरकारी स्कूल के अध्यापक सबसे अधिक योग्य होने के बाद भी अपने छात्रों को उतनी शिद्दत से ज्ञान नहीं दे पाते है जितना प्राइवेट स्कूल के अध्यापक दे देते है लेकिन लोगों की इस धारणा को परिवर्तित किया है उत्तराखण्ड के एक सरकारी स्कूल ने जहां से एक साथ एक ही सत्र में 40 छात्रों का चयन नैनीताल जनपद के सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में हुआ है | इस सरकारी स्कूल के अध्यापक भी उसी सामान्य प्रक्रिया द्वारा ही चयनित होते है जिससे द्वारा राज्य के सभी अध्यापक चयनित होते है लेकिन इन अध्यापकों की मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि एक ही स्कूल से 40 छात्रों का चयन सैनिक स्कूल में हो जाना   | 

हम जिस स्कूल की बात कर रहे है ये स्कूल बागेश्वर जनपद के कपकोट का प्राथमिक स्कूल है भारत देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी स्कूल से एक साथ 40 छात्रों का चयन सैनिक स्कूल के लिए हुआ हो | इसके पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है इस प्राथमिक स्कूल में छात्रों को प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही कक्षा में प्रवेश दिया जाता है  ये प्रवेश परीक्षा भी कठिन स्तर की होती है जिसे हिंदी ,गणित और अंग्रेजी के प्रश्न पूछे जाते है | इस स्कूल के प्रधानाचार्य श्री के डी शर्मा ने बताया की उनके यहां कुल 80 सीटें है जिनके लिए 400 से भी छात्रों ने प्रवेश के लिए आवेदन किये है इसलिए प्रवेश परीक्षा में मेरिट लिस्ट के अनुसार ही प्रवेश दिया जाता है इन्ही प्रधानचार्य के बड़े योगदान के कारण ही ये स्कूल आज ऊंचाइयों को छू रहा है ये प्रधानाचार्य जी अपने विशेष तरीके से गणित पढ़ाने के कारण पुरे जिले में प्रसिद्ध है इस तरीके के कारण छात्र गणित के सूत्र आसानी से याद कर लेते है प्रधानाचार्य श्री के डी शर्मा ने बताया की पिछले दिनों उन्होंने कक्षा 9 के छात्रों को रात के समय अतिरिक्त समय निकालकर कक्षा दी थी जिसमे से एक छात्र ने गणित में 150 में 150 अंक प्राप्त किये थे | 

इस स्कूल में भी बाकी सभी स्कूलों के समान बुनियादी सुविधाओं की कमी है लेकिन फिर भी उपलब्ध संशाधनो का उचित उपयोग करते हुए इस स्कूल ने उत्कृष्ट परिणाम दिया है | 


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