संदेश

जून 25, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

चित्र
वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

26 जून को भारत में घटित घटनाएं

चित्र
26 जून को भारत का इतिहास 26 जून को भारत में घटित घटनाएं  भारत के इतिहास में 26 जून कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं हैं जो 26 जून को घटी- 1975: आंतरराष्ट्रीय सैन्य कार्यक्रम का आयोजन: 26 जून 1975 को भारत में आंतरराष्ट्रीय सैन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय सेना को विभिन्न देशों की सेनाओं के साथ सहयोग करने और विभिन्न कौशलों को सीखने का था। 1975: आपातकाल की घोषणा: 26 जून 1975 को भारत में आपातकाल की घोषणा की गई थी। इसका परिणामस्वरूप आपातकाल के दौरान न्यायिक और नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए गए थे। 1977: आपातकाल के अंत: 26 जून 1977 को आपातकाल का अंत हुआ और न्यायिक और नागरिक स्वतंत्रता फिर से स्थापित हुई। इसके बाद चुनाव आयोग के द्वारा नवनिर्वाचित लोकतंत्र स्थापित किया गया। 1984: बीजेपी के संगठनात्मक सदस्यता का घोषणा पत्र: 26 जून 1984 को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने संगठनात्मक सदस्यता का घोषणा पत्र जारी किया। इससे पहले बीजेपी जनसंघ के रूप में जानी जाती थी। 1985: भारतीय जनता पार्टी का गठन: 26 जून 1985 को भारतीय जनता पार्टी (भ

कोटा बना मौत की मंडी

चित्र
शिक्षानगरी कोटा बना मौत की मंडी   शिक्षानगरी कोटा        आज कोटा देश में कोचिंग का सुपर मार्किट है ,यह भारत का एक प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान शहर है जहाँ से हर वर्ष मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए हजारों परीक्षार्थी यहाँ प्रवेश के लिए आते है ,एक अनुमान के अनुसार कोटा के कोचिंग मार्किट का सालाना चार हजार करोड़ रूपये का टर्न ओवर है ,यहाँ के कोचिंग सेंटरों के द्वारा सरकार को सालाना 200 से 300 करोड़ रूपये का टैक्स दिया जाता है |  सबसे बड़ी समस्या ये है कि प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए छात्रों पर बहुत अधिक तनाव रहता है जिससे छात्र असफलता के डर से आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे है इसके पीछे एक और कारण छात्रों पर अत्यधिक मानसिक दबाव भी है यद्यपि संस्थान इस बात से इंकार करते है लेकिन प्रतियोगिता के कारण छात्र दबाव महसूस करते ही है जो प्राकृतिक भी है ,पिछले कुछ वर्षों में कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या बेहद बढ़ी है ,अभी 27 मई को एक छात्रा ने असफलता के डर से कोटा में ही आत्महत्या कर ली है ,कोटा पुलिस के अनुसार 2014 में 45 छात्रों ने ,2015 में 31 छात्रों ने, 2016

मुद्रास्फीति और इसका महंगाई से सम्बन्ध

चित्र
मुद्रास्फीति और मुद्रास्फीति का महंगाई से सम्बन्ध मुद्रास्फीति मुद्रास्फीति को भी आमतौर पर "मुद्रा संकुचन" या "मुद्रा विस्फोट" के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब होता है कि विशेष या अनुमानित मौद्रिक मूल्य तथा मौद्रिक आपूर्ति के बीच असमंजस मौजूद होता है। मुद्रास्फीति आमतौर पर जब देश की मुद्रा के मूल्य में तेजी से वृद्धि होती है और यह मूल्यांकन विभिन्न आर्थिक कारकों के कारण होती है, जैसे कि मुद्रा की आपूर्ति कम होना, अतिरिक्त मुद्रा निर्यात, उच्च मुद्रा दरों के कारण निर्यात में कमी आदि। मुद्रास्फीति का प्रामुख परिणाम होता है कि मुद्रा के मूल्य में वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली अपार्थिक और आर्थिक प्रभावों के चलते महंगाई या वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि होती है। जब मुद्रास्फीति होती है, तो एक देश की मुद्रा की कीमत अन्य मुद्राओं के मुकाबले बढ़ती है। इसके परिणामस्वरूप, उस देश के निर्यात में गिरावट होती है क्योंकि उस देश की उत्पादों और सेवाओं की कीमतें बाहरी बाजारों में बढ़ जाती हैं। साथ ही, देश में आयात की चीजों की कीमतें भी बढ़ती हैं, क्योंकि उन्हें बा

भारत में भी अब गूगल पे के स्थान पर रिंग पे

चित्र
अब अंगूठी से कीजिए पेमेन्ट  रिंग पे        कुछ समय पूर्व  यूनाइटेड किंगडम में मैकेलिएर ने एक स्मार्ट अंगूठी लांच की थी जिसे यूपीआई की तरह प्रयोग कर पेमेन्ट किया जा सकता है,ये अंगूठी एक मूल्यवान आभूषण की तरह दिखती है जिसे कस्टमाइज करके किसी भी साइज में परिवर्तित किया जा सकता है ये अंगूठी वास्तव में आपके स्मार्टफोन के पेमेन्ट ऍप से जुडी होती है और ये ऍप आपके बैंक अकाउंट या वीसा कार्ड से जुड़ा होता है ,रिंग पे करने के लिए आपको अपनी अंगूठी को पीओएस यूनिट या स्वाइप मशीन पर स्वाइप करना होता है और ये मशीन आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड के डाटा को मैप कर लेती है और पेमेन्ट सक्सेसफुल हो जाता है |  मैकेलिएर की ये रिंग RFID तकनीक पर काम करती है , कंपनी भारत में अपनी सहायक शाखा ट्रांसकॉर्प के साथ इसे पेश करने की कोशिश कर रही है , यदि कस्टमर से कही ये अंगूठी खो भी जाती है तो एक मिनट के अंदर इसे अपने स्मार्ट फ़ोन या जीमेल की सहायता से डिसएबल किया जा सकता है , इस स्मार्ट रिंग के आने से आपको हर जगह पेमेंट के लिए अपने साथ स्मार्टफोन ले जाने की जरुरत भी नहीं होगी ये एक खूबसूरत आभूषण की तरह दिखाई देती है |