भारतीय मेधा प्रज्ञा को छात्रवृति देने के लिए छ: सबसे बड़े अमेरिकी विश्ववद्यालयों में लगी होड़
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पिता है सुप्रीम कोर्ट में रसोइया
छात्रवृति देने के लिए बड़े अमेरिकी विश्ववद्यालयों में लगी होड़ |
एक हिंदी फिल्म का संवाद है कि जीवन में कामयाब नहीं काबिल बनो कामयाबी अपने आप आ जाएगी | ये संवाद सुप्रीम कोर्ट में रसोइये के पद काम करने वाले अजय कुमार की पुत्री 25 वर्षीय वकील प्रज्ञा पर सटीक बैठती है | सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वाई.चंद्रचूड़ ने भी प्रज्ञा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने अपने बलबूते पर सब कुछ हासिल किया है लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जो कुछ भी आवश्यक है वह उसे प्राप्त करने में सफल हो और हम ये भी उम्मीद करते है कि वह देश की सेवा के लिए वापस लौटे , इसके जवाब में प्रज्ञा ने कहा कि CJI चंद्रचूड़ हमेशा उसके लिए प्रेरणा रहे है वह हमेशा युवा वकीलों को प्रोत्साहित करते है ये उनकी ही प्रेरणा है कि मै आज इस मुकाम को हासिल कर पायी हूँ | उनके शब्द हमेशा युवाओं के लिए सागर के रत्न की तरह होते है |
25 वर्ष की प्रज्ञा ने भारत में रहकर स्नातक की पढ़ाई पूरी की है जिसके बाद उन्होंने परास्नातक की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका की छः युनिवर्सिटी कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय ,कोलंबिया लॉ विश्वविद्यालय , पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय , शिकागो लॉ कॉलेज ,बर्कले लॉ कॉलेज और मिशिगन विश्वविद्यालय में आवेदन किया था उनके पूर्व के अकादमिक रिकॉर्ड और उपलब्धियों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की इन छह सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों ने भारतीय छात्रा को अपने अपने विश्वविद्यालय में कानून में परास्नातक की डिग्री लेने के लिए छात्रवृत्ति का ऑफर दिया है ऐसा बहुत कम बार देखा गया है कि अमेरिका के छह बड़े यूनिवर्सिटीज किसी एक छात्र को ही एक सेशन के लिए एक ही कोर्स के लिए छात्रवृत्ति का प्रस्ताव प्रदान करें | सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने भी इस बात पर प्रशंसा व्यक्त की है और कहा कि ये काबिलयत की जीत है ये प्रयासों और मेहनत की जीत है , प्रज्ञा को ये कोर्स करने के लिए 50,000 डॉलर यानि लगभग 42 लाख रूपये की छात्रवृत्ति प्राप्त होगी ।
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