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जनवरी 22, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

26 जनवरी को प्रधानमत्री जी क्यों नहीं फहराते तिरंगा

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जाने ध्वजारोहण और झंडा फहराने में क्या है अंतर FLAG  HOISTING            इस साल हम 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहे है यह दिन हमें भारत में संविधान के लागू होने की याद दिलाता है जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था इस दिन दिल्ली में एक विशाल परेड होती है और यह परेड विजय चौक से शुरू होकर दिल्ली के लाल किले तक चलती है कोविड महामारी के चलते परेड का पारंम्परिक मार्ग बदल दिया गया है ओर भारत के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति जी झंडा फहराते है इस वर्ष भारत के 74 वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मिश्र के राष्ट्रपति माननीय अब्देल फतह अल सी सी को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री जी ध्वजारोहण करते हैं-             15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश शासन की लंबी गुलामी के बाद आजाद हुआ था इसीलिए इस दिवस को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है दरअसल इस दिन झंडे को रस्सी के द्वारा खींचकर ऊपर ले जा जाता है और फिर रस्सी खींच कर झंडे को फहराया जाता है इसे ध्वजारोहण कहते हैं ,आजादी के समय जब 15 अगस्त को भारत आजाद हुआ तब संविधान नहीं बना था इसलिए भारत के प्रधानमंत्री जी

प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की तो

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 होगी सम्पत्ति कुर्क दिसंबर 2022 में उत्तराखंड सबोर्डिनेट भर्ती परीक्षा के पेपर आउट हो गए थे उसके बाद पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर भी खुले आम लाखों रूपये में बिकें जिसके बाद एस टी एफ ने मामले की जाँच की उत्तराखंड ने पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटालों से सबक लेते हुए अब नक़ल माफिया के विरुद्ध  कड़े कदम उठाने का फैसला किया है , सनद रहे कि पिछले कुछ समय से अनेक भर्ती परीक्षाओं में नक़ल माफिया और पेपर आउट करने वालो  सक्रिय होने से न केवल सरकार की किरकरी हुए है बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं में भी आक्रोश का माहौल है क्यूकि इसमें विभागीय कर्मचारियों के शामिल होने के सबूत मिले है अब सरकार ने  इन सबके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का मन बना  लिया है इन नक़ल माफिया के कारण न केवल सवैंधानिक तंत्र से लोगो विश्वास हिला है बल्कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले नवयुवक भी हताश हुए है पिछले कुछ महीनों में आप देख रहे होंगे कि अखबार की मुख्य ख़बरों में नक़ल के कारण हुई परीक्षा रद्द और नक़ल माफिया पर कोई नकेल नहीं या परीक्षा होगी दोबारा , एस टी एफ करेगी जाँच जैसे 

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के बदले नाम

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प्रधानमंत्री मोदी ने किया नामकरण    अंडमान निकोबार द्वीप         23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बॉस का जन्म दिवस  पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है , इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया है जिनके नाम अभी तक नहीं रखे गए थे पराक्रम दिवस पर आयोजित इस प्रोग्राम में इन 21 द्वीपों का नाम पहली बार रखा गया है अंडमान निकोबार द्वीपों का भारत  सामरिक दृष्टि से बहुत महत्व है पहले सबसे बड़े बिना नाम वाले द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा गया फिर अन्य द्वीपों के नाम रखे गए जैसे- धन सिंह द्वीप - लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा  तारापुर द्वीप - लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोरे  करम सिंह द्वीप - लांस नायक करम सिंह  बाना द्वीप - नायब सूबेदार बाना सिंह  एक्का द्वीप- लांस नायक  अल्बर्ट एक्का  खेत्रपाल द्वीप - द्वितीय लेफ्टिनेंट  अरुण खेत्रपाल  पांडे द्वीप -लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे  होशियार द्वीप - मेजर होशियार सिंह  शैतान द्वीप - मेजर शैतान सिंह  जदुनाथ द्वीप- नायक जदुनाथ सिंह  योगेंद्र द्वीप -

ओर इन्हें कश्मीर चाहिए- डूबता पाकिस्तान

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  परमाणु शक्ति का दुरूपयोग है बड़ा खतरा               एक कहावत है कि साँप का दोस्त भी  साँप ही होता है  , ये कहावत आज चीन पाकिस्तान के लिए सही साबित हो रही है आज के समय में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था एशिया की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र देश है जो परमाणु सम्पन्न राष्ट्र होते हुए भी लगातार कर्ज में डूबता जा रहा है, एक अमेरिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुदस्सर लिखते हैं कि इससे बढ़िया मौक़ा नहीं मिलेगा भारत चाहे तो पाकिस्तान पर चढ़ाई कर दें , वर्ष 1960 में पकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय 6797 पाकिस्तानी रूपये थी और भारत की तुलना में पाकिस्तान काफी अच्छी  हालात में था लेकिन प्राकृतिक आपदाओं ,देश की आतंकनीति और भारत से दुश्मनी निभाते निभाते पाकिस्तान चीन के साथ दोस्ती के चक्कर में ऐसा फंसा कि आज तक उभर नहीं पाया है आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे पाकिस्तान ने कुंए से खाई तक का सफर तय किया- 1 - राजनैतिक अस्थिरता बनाम तानाशाही शासन-              पाकिस्तान अब तक के अपने 75 वर्ष के जीवनकाल मे चार बार सैनिक सरकार जनरल अयूब खान, याह्या खान, जनरल जिया उल हक और ज