वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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भारत की विलुप्त होने के कगार पर जनजातियां

बहुत कम बचीं है इन जनजातियों की जनसंख्या

भारत की जनजातियां 

जनजातियाँ भारतीय मूलवासियों की ऐसी समृद्ध धरोहर हैं, जिन्हें संरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित कुछ भारतीय जनजातियाँ हैं, जिनकी संख्या कम हो रही है और जो लुप्त होने के खतरे के कगार पर हैं:

  1. ग्रेट अंडमानीस: ग्रेट अंडमानीस जनजाति अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट अंडमान द्वीप में निवास करती है। इनकी संख्या मात्र 500 से भी कम है और वे अपनी परंपरागत जीवनशैली को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

  2. जरवा: जरवा जनजाति अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जरवा द्वीप पर निवास करती है। इनकी संख्या भी बहुत कम है और उन्हें वन्यजीवियों और प्राकृतिक पर्यावरण के लिए अत्यधिक संरक्षण की आवश्यकता है।

  3. सेंटिनेलीज: सेंटिनेलीज जनजाति अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सेंटिनेल द्वीप पर निवास करती है। इनकी संख्या भी काफी कम है और उन्हें विदेशी संपर्क से बचाए रखने के लिए सरकार ने कठोर नियम लागू किए हैं।

  4. गोंड: गोंड जनजाति मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में निवास करती है। ये मूलतः जंगली लोग हैं और उनकी संख्या में भी कमी आ रही है।

  5. बाकरवाल: बाकरवाल जनजाति हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में निवास करती है। ये खादी गांवों में रहते हैं और अपनी पारंपरिक गढ़ों को संरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं।

  6. मीना: मीना जनजाति राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बसी हुई है।

  7. भील: भील जनजाति राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों में बसी हुई है।

  8. गौड़: गौड़ जनजाति बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में बसी हुई है।

  9. ओराोन: ओराोन जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के जंगली इलाकों में बसी हुई है।

  10. लादाखी: लादाखी जनजाति जम्मू और कश्मीर राज्य के लादाख इलाके में बसी हुई है।

  11. नागा: नागा जनजाति नागालैंड राज्य में पाई जाती है।

  12. बोड़ो: बोड़ो जनजाति असम राज्य में बसी हुई है।

यहां दी गई सूची केवल कुछ जनजातियों की है और इससे अधिक जनजातियाँ भी हैं जो अपनी संख्या में कमी के कगार पर हैं। यह जनजातियाँ अपनी विशेषताओं, संस्कृति, और परंपरागत जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण हैं और इनकी संरक्षा के लिए कदम उठाए जाने चाहिए|

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