पूरे भारत में होगा एक जैसा बोर्ड परीक्षा पैटर्न

स्कूली शिक्षा में सुधार की नयी पहल 'परख'

केन्द्रीय मूल्यांकन नियामक

कुछ दिनों पूर्व पुणे महाराष्ट्र में सभी राज्यों के शिक्षा सचिव की एक बैठक हुई थी उसमे इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं में अपने छात्रों को अधिक से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जाये , वर्तमान में उत्तर प्रदेश ,पश्चिमी बंगाल , उड़ीसा और हरियाणा राज्यों के 63 प्रतिशत छात्र 80 प्रतिशत अंक लेकर उत्तीर्ण होते है जबकि उड़ीसा ,बिहार , केरल, महाराष्ट्र में ये प्रतिशत 23 है जबकि असम और त्रिपुरा में ये प्रतिशत 19 के आस पास है , नयी शिक्षा नीति के तहत केन्द्रीय मूल्यांकन नियामक संस्था "परख" को सभी राज्यों के बोर्ड परीक्षा पैटर्न को एक समान बनाने को लेकर राज्यों के साथ आगे बढ़ने का जिम्मा सौंपा गया है इस कदम से स्कूली शिक्षा में भी सुधार होगा और छात्रों में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी | 

वर्तमान में पूरे भारत में लगभग 60 स्कूली बोर्ड है यह सभी बोर्ड अपने अपने तरीकों से बोर्ड परीक्षा का आयोजन करते है लेकिन पुणे बैठक के बाद लगभग सभी राज्यों ने एक समान परीक्षा पैटर्न और बोर्ड पर सहमति दिखाई है कुछ राज्यों ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए विचार करने के लिए समय माँगा है , फ़िलहाल बोर्ड परीक्षाओं में एकरूपता के लिए जिन राज्यों ने समर्थन किया है उनमे से उत्तराखण्ड ,उत्तर प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,राजस्थान ,पंजाब ,हरियाणा ,बिहार ,असम ,गोवा , गुजरात , नागालैंड , ओडिसा ,मिजोरम,मणिपुर ,त्रिपुरा राज्य प्रमुख है | 

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