वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

अटल उत्कृष्ट शिक्षक और राजकीय संघ चुनाव

 कोई इनकी भी सुनों प्रभु 

राजकीय शिक्षक संघ चुनाव 

राजकीय शिक्षक संघ के चुनाव आ चुके है कई पूर्व और कई नए प्रत्याक्षी उम्मीदवार है सभी को अपने अपने चुनाव घोषणा पत्र पर यकीन है कि उनकी जीत सुनिश्चित है लेकिन कुछ बाते ऐसी है जिनकी तरफ किसी ने खास तवज्जो नहीं दी है ,न जानें क्यों, उन शिक्षकों की इसमें क्या गलती है कि कोई उम्मीदवार उनकी चिंताओं की खैर खबर भी नहीं लेना चाहता है ,  शायद एक बड़ी वजह ये भी है कि इन शिक्षकों की संख्या अधिक प्रभावशाली नहीं है इनका मत प्रतिशत भी काफी कम है लेकिन क्या मत प्रतिशत कम होने से समस्या की तीव्रता कम हो जाती है क्या वो शिक्षक राजकीय संघ के सदस्य नहीं है ?, क्या उन्होंने सदयस्ता शुल्क देकर संघ पर अपना भरोसा नहीं जताया है ?  , क्या राजकीय संघ की उनके प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है ? | 

अटल उत्कृष्ट राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की दो श्रेणियाँ है पहली श्रेणी वह है जो अटल की परीक्षा उत्तीर्ण कर अटल विद्यालयों में कार्यरत है इनमे भी उन शिक्षकों के बारे में राजकीय संघ आजतक कोई ठोस कदम नहीं जो पूर्व से अटल विद्यालयों में कार्यरत थे और उन्होंने इस प्रत्याक्षा में टेस्ट क्वालीफाई किया था कि कॉउन्सिलिंग में उन्हें मनचाहा विद्यालय मिलेगा लेकिन विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के पूर्व से अटल में कार्यरत शिक्षकों को विद्यालय परिवर्तन करने से मना कर दिया जबकि विञप्ति में इस तरह का कोई उल्लेख नहीं था , और काउंसिलिंग में इन शिक्षकों को मनचाहा विद्यालय आवंटित भी कर दिया गया था , बाद में उन शिक्षकों को अंधेरें में रखकर एकतरफा निर्णय लिया गया जिस पर संघ ने आज तक कोई कदम नहीं उठाया , दूसरी श्रेणी में वे शिक्षक है जिन्हे जबरदस्ती अटल विद्यालयों में घेर कर रखा गया है जबकि उन्होंने लिखकर भी दे रखा है कि वे अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण कराने में असक्षम है , अब जब उनका परीक्षा परिणाम आशा के अनुकूल नहीं आया तो उनपर गाज गिरने का खतरा मंडरा रहा है , क्या परीक्षा परिणाम अनुकूल नहीं आने का एकमात्र कारण शिक्षक ही होता है , किसी बर्तन में अगर दही मीठी नहीं जमती है तो क्या केवल उस बर्तन का ही दोष होता है , ये चिंतन करने का वक्त है हमारा उदेश्य छात्रहित है छात्रकेंद्रित है , लेकिन दबाव समूह होने के नाते राजकीय शिक्षक संघ के भावी सदस्यों को अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की बात भी सुननी चाहिए वे भी आपके साथ जुड़े है | 

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