सरकारी कर्मचारियों के लिए अब गोल्डन कार्ड में नयी व्यवस्था
01 जून से शुरू हो सकती है कैशलैस इलाज योजना
![]() |
आयुष्मान स्वास्थ्य योजना |
उत्तराखण्ड सरकार ने अपने राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के द्वारा चिकित्सा प्रतिपूर्ति के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए गोल्डन कार्ड योजना जनवरी 2021 से आरम्भ की है जो अभी भी चल रही है इस योजना में राज्य कर्मचारी प्रति माह अपने वेतन से अपने वेतनमान के सापेक्ष एक निश्चित शुल्क कटाते है, इसके पश्चात् कर्मचारी अपने या अपने आश्रित के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च से सम्बंधित चिकित्सा के बिल और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन प्रपत्र एक निर्धारित फॉर्मेट जिसे अनिवार्यता प्रमाण पत्र कहते है पर भरकर अपने DDO के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून को भेजता है जहां से लगभग 15 से 30 दिन में सरकारी दरों के अनुपात में कर्मचारी द्वारा खर्च किया व्यय उसके बैंक खाते में वापस आ जाता है , इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 45 दिन लग जाते है जो इस योजना की सबसे बड़ी समस्या है क्यूकि एक बीमार व्यक्ति को उस समय तुरन्त पैसा मिलना चाहिए या फिर उसे कैशलेश सुविधा मिलनी चाहिए , इसी समस्या का हल निकालने के लिए राज्य सरकार 01 जून से गोल्डन कार्ड की व्यवस्था को अब कैशलेश करने जा रही है इसके लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने कार्यवाही करने के आदेश दे दिए है सम्भवतः यह नयी व्यवस्था 01 जून 2023 से लागू हो सकती है |
गोल्डन कार्ड कैशलेश योजना
गोल्डन कार्ड कैशलेश योजना गोल्डन कार्ड जैसी ही है अंतर सिर्फ इतना होगा कि इस योजना में सभी तरह की जाँच और दवाइयाँ भी अब कैशलेश हो जाएगी ,कर्मचारी और पेंशनर को किसी भी प्रकार से किसी जाँच या दवाई का बिल कैश में नहीं देना होगा , अब OPD या IPD दोनों प्रकार की स्वास्थ्य सेवायें कैशलेस हो सकती है , कर्मचारी को अपने प्रिस्क्रिप्शन और दवाइयों के बिल ऑनलाइन आधार पर एक निर्धारित फॉर्मेट में भरकर आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून को विद्यालय स्तर से DDO के माध्यम से भिजवाने होंगे , अभी शासन की और इसका शासनादेश जारी नहीं किया गया है शासनादेश में सभी निर्देश विस्तार से पढ़े जा सकेंगे |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.