एफिलिएटेड स्कूलों में एक सत्र में तीन बार जांच करेगा सीबीएसई
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सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून |
आजकल प्रतियोगिता का दौर है और छात्रों को प्रतियोगिता को फाइट करने के लिए कोचिंग की सहायता लेनी पड़ती है जिसके लिए अभिभावक स्कूलों में सामान्य से अधिक फीस देकर अपने अपने पाल्य को स्कूलों में डमी प्रवेश दिला देते है जिसको लेकर अब सीबीएसई ने सख्त रुख अपना लिया है डमी नामांकन को लेकर सीबीएसई के नियम अब पहले से ज्यादा सख्त हो गए है अब बोर्ड साल में कई बार नामांकन डाटा एनालिसिस करेगा , स्कूलों को अब ऑनलाइन पोर्टल सरस और ओएसिस पोर्टल पर शिक्षकों के साथ साथ छात्रों की संख्या भी दर्शानी होगी , 11 वी में नामांकन के बाद 12 वी का परीक्षा फॉर्म भरने के बीच सीबीएसई इनकी तीन बार जाँच करेगा , स्कूलों में कितने छात्र नामांकित हुए ,12 वी कक्षा में कितने नामांकन हुए और परीक्षा फॉर्म कितने छात्रों ने भरे , सीबीएसई बोर्ड इस बात की भी गहनता से जाँच करेगा |
सीबीएसई की और से स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि यदि छात्र संख्या निचली कक्षा के अनुपात में नहीं होगी तो किसी भी तरह से डमी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी , स्कूल बोनाफइड छात्रों को ही स्कूल में प्रवेश की अनुमति देंगे यदि कोई स्कूल नियम का उल्ल्घन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी |
क्या होता है डमी प्रवेश
डमी प्रवेश का अर्थ है बिना स्कूल को अटेंड किये परीक्षा में बैठना , डमी प्रवेश में छात्र स्कूलों में प्रवेश तो ले लेते है लेकिन इस अवधि में स्कूलों में जाने के बजाय ये छात्र बाहर जाकर किसी प्राइवेट कोचिंग सेंटर से तैयारी करना शुरू कर देते है इसके बदले में ये अभिभावक स्कूलों को अधिक फीस पे करते है जिससे कोचिंग सेंटर और स्कूल दोनों खुश हो जाते है क्यूकि छात्र अधिक अंक लेकर परीक्षा उत्तीर्ण भी कर लेता है लेकिन ये सीबीएसई के करिकुलम का उल्लघन है उसके नियमों के विरुद्ध है |
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