जानें बिना ड्राइवर के कैसे दौड़ेगी पॉड टैक्सी
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पॉड टैक्सी |
उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन के हाल ही में दो नए प्रोजेक्ट उत्तराखंड के लिए सबसे उत्साहजनक प्रतीत हो रहे है जिनके पूरा होने से निश्चित रूप से उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक नई पहचान मिलेगी और उत्तराखण्ड के पर्यटक उद्योग को भी गति मिलेगी पहला प्रोजेक्ट राज्य की राजधानी देहरादून में नियो रेल प्रोजेक्ट है जो जल्दी ही गतिमान होने की उम्मीद है दूसरा चर्चित प्रोजेक्ट हरिद्वार जनपद में हरिद्वार शहर में पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट है जिसको लेकर उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन ने टेंडर भी नोटिस किये है और बजट भी आवंटित कर दिया है इस प्रोजेक्ट का रुट भी निर्धारित कर दिया गया है |
जल्दी ही राज्य सरकार की प्रस्तावित पर्सनल रैपिड ट्रांजिट यानि पॉड टैक्सी दौड़ती नजर आएगी, उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन का इसके पीछे यह तर्क है कि हरिद्वार में बढ़ती भीड़ की पॉड टैक्सी के जरिये मैनेज किया जा सकेगा |
बिना ड्राइवर की गाड़ी पॉड टैक्सी
पॉड टैक्सी में कोई ड्राइवर नहीं होता है ये एक ऑटोमैटिक केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली के द्वारा नियंत्रित होती है
सुरक्षा की दृष्टि से इसे तीन लेवल में विभाजित किया जाता है जैसे पॉड टैक्सी को कहा कहा पर रुकना है इसमें पहले ही फीड केर दिया जाता है , दो अलग अलग टैक्सी के बीच पर्याप्त दूरी का ध्यान रखा जाता है , समय समय पर ट्रैफिक कन्ट्रोलर स्पीकर के माध्यम से यात्रियों को निर्देश देते रहते है इसमें पहियों में ऑटोमैटिक व्हीकल प्रोटेक्शन सिस्टम होता है , हरिद्वार में पॉड टैक्सी के लिए 6 मीटर ऊँचे खम्बे बनाये जायेगे जिन पर ये टैक्सी दौड़ेगी | |
पॉड टैक्सी का विरोध क्यों
हरिद्वार के कुछ व्यापारी और जागरूक लोग अपने तर्क के आधार पर हरिद्वार में इस योजना का विरोध किया जा रहा है हरिद्वार में भारत माता मंदिर से सीतापुर , डीएवी स्कूल से गणेशपुर सहित चार कॉरिडोर पर पॉड टैक्सी योजना प्रस्तावित है लोगो का तर्क यह है कि हरिद्वार में सड़कें संकरी और सड़क के दोनों और अतिक्रमण फैला हुआ है जिससे अनेक लोगों की रोजीरोटी जुडी है पॉड टैक्सी आने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाएगी इसके लिए उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन का तर्क है पॉड टैक्सी के लिए बनाये गए खम्बे के बीच 10 से 20 मीटर की होगी इसलिए यातायात व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और ये विरोध फिजूल और अनुचित है |
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