जानें नयी भारत की संसद के बारे में

 नई संसद का 28 मई 2023 को होगा उदघाटन

सेंट्रल विस्टा 

टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के द्वारा भारत का नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत की एक नई पहचान होगा जिसे लगभग 22 महीनों की अवधि में वर्तमान संरचना के बगल में बनवाया जा रहा है ,ये चार मंजिला ईमारत लगभग  64500 वर्ग मीटर के आकार में निर्मित होगी जिसके बनने में भारत देश के कई नामी कलाकारों और मूर्तिकारों की सहायता ली गयी है जो इसमें भारत की विभिन्नता में एकता को भी दिखाएगा| राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट नई पार्लियामेंट बिल्डिंग तक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट नाम दिया गया है | 
नई संसद को राष्ट्रगान से सजाया गया है इसकी छत पर राष्ट्रपति भवन की ही तरह पारम्परिक शैली में फ्रेस्को शैली में पेंटिंग की गयी है ,संसद के अंदर दीवारों पर संस्कृत में श्लोक भी उकेरे गए है ,इसकी निर्माण सामग्री की बात करें तो इसके निर्माण में धौलपुर का विशेष गुणवत्ता वाला पत्थर लगवाया गया है , आंतरिक स्थानों पर सजावट के लिए ग्रेनाइट लाला रंग वाला पत्थर इस्तेमाल किया गया है आंतरिक शोर या हलचल को कम करने के लिए विशेष प्रकार की बनावट और भूकंपरोधी तकनीक अपनाई गयी है | 
 इस नए संसद भवन में लोकसभा के लिए 888 सदस्यों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गयी है इसी तरह राज्य सभा के सदस्यों के लिए भी 245 सदस्यों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गयी है जिन्हे 384 सदस्यों तक बढ़ाया जा सकता है , इस नए संसद भवन में जब संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी या संयुक्त सभा आयोजित होगी तो इसके लिए निर्धारित कक्ष में 1270 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गयी है सेंट्रल हाल में 430 सीटें उपलब्ध है जहा पर दोनों सदन बैठक कर सकते है | 

नए संसद भवन के मुख्य आकर्षण 


सेंट्रल विस्टा 

नयी संसद भवन संरचना में कुल मिलाकर 6 प्रवेश द्वार बनाये गए है जिन्हे वास्तु शारत्र के अनुसार शुभ पशुओं की आकृति से जोड़ा गया है , उत्तर दिशा में गज या हाथी की प्रतिमा जो ज्ञान धन और बुद्धि की प्रतीक होती है जो औपचारिक प्रवेश की रक्षा करता है वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा बुध ग्रह से जुडी मानी जाती है , दक्षिणी द्वार पर अश्व या घोडे की प्रतिमा लगायी गयी है  जो शक्ति धीरज का प्रतीक है , पूर्वी दिशा में गरुड़ की मूर्ति लगाई गयी है जो लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक मानी जाती है , पूर्वी उत्तरी द्वार पर हंस को स्थापित किया गया है शेष द्वारों पर विभिन्न जानवरों के अंगों से बना एक पौराणिक जीव मकर को स्थापित किया गया है जो विविधता का  प्रतीक है | 
संसद भवन में दोनों सदनों में से प्रत्येक के लिए चार दीर्घाएं जिनमे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के निर्माण में भाग लेने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करती 6 ग्रेनाइट मूर्तियां बनाई गई है | 


YOU MAY ALSO LIKE IT -

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हाई स्कूल परीक्षा 2025 के बोर्ड परीक्षा हेतु विज्ञान ,सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी के अभ्यास प्रश्नपत्र

हाई स्कूल गणित का नमूना प्रश्नपत्र -उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद् की और से जारी

2024 -25 मासिक परीक्षा शैक्षिक पंचाग के सम्बन्ध में