शिक्षक और विद्यार्थी के बीच समन्वयक बनेगा विद्या समीक्षा केंद्र
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महानिदेशालय शिक्षा उत्तराखंड |
डी जी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी जी के अनुसार विद्या समीक्षा केंद्र ननूरखेड़ा देहरादून में प्रतिनियुक्ति के इच्छुक शिक्षकों से आवेदन मांगे गए है, ये शिक्षा विभाग की एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है जिसके लिए विभाग कड़े मानक रखकर विद्या समीक्षा केंद्र में प्रतिनियुक्ति मांग रहा है इसके लिए कुल 12 पदों पर प्रतिनियुक्ति मांगी गयी है ये शिक्षक अपने अपने विषयों के विशेषज्ञ और कम्प्यूटर कार्यों में भी दक्ष होंगे |
विद्या समीक्षा केंद्र उत्तराखंड शिक्षा विभाग में शिक्षक और छात्रों की सहायता के लिए बनने वाला अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल केंद्र हो सकता है क्यूकि विभाग इसके माध्यम से विद्यालय स्तर पर कई कार्य ऑनलाइन या सॉफ्टकॉपी के माध्यम से शीघ्रता से कर सकेगा ,विद्या समीक्षा केंद्र के कुछ सामान्य कार्य इस प्रकार से हो सकते है -
१- विद्या समीक्षा केंद्र के पास राज्य के सभी स्कूलों के सभी विद्यार्थी और शिक्षकों के आंकड़े ऑनलाइन मोड में उपलब्ध रहेंगे जिनका प्रयोग शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने या प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को जोड़ने में आसानी और शीघ्रता से किया जा सकता है |
२- विद्या समीक्षा केंद्र के द्वारा छात्र और छात्राओं की कक्षा पढ़ाई , अनुश्रवण और मूल्यांकन के साथ साथ शिक्षकों से भी सीधे संपर्क किया जा सकता है |
३-विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से भविष्य में शिक्षकों और अन्य कार्मिकों के तबादले भी विद्या समीक्षा केंद्र ही ऑनलाइन करवा सकता है |
४-विद्या समीक्षा केंद्र के द्वारा प्रतिदिन शिक्षकों और कार्मिकों की उपस्ठिति का कार्य भी ऑनलाइन मोड में करवाया जायेगा जिससे विद्यालयों में अनुपस्थित कार्मिकों की जानकारी विभाग को प्रतिदिन भेजी जा सके |
५-विद्या समीक्षा केंद्र में टेक्निकली इस प्रकार के सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किये रहे है दूरस्थ स्थित विद्यालय जहां पर मोबाइल नेटवर्क भी नहीं आता है वहां पर भी नेटवर्क के बिना अपलोड की गयी उपस्थिति संख्या नेटवर्क के आते ही अपने आप अपलोड हो जाएगी ,साथ साथ उसमे ये भी देखा जा सकेगा कि उक्त उपस्थिति किस समय भरी गयी है , एक बार उपस्थिति भरने के बाद उसमे परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा |
६- विद्या समीक्षा केंद्र राज्य के दुर्गम और सुगम विद्यालयों में नियुक्त कार्मिकों , पदोन्नत कार्मिको और सेवानिवर्त कार्मिकों के सटीक आंकड़े रख सकता है जिससे भविष्य में पदोन्नत और अनिवार्य शिक्षकों की सूची तैयार करने में गलती करने की सम्भावना काफी कम जाएगी |
७- इसके अतिरिक्त समय समय पर विभागीय आदेशों के परिणाम की समीक्षा भी यह केंद्र करेगा |
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