प्रिंसिपल ने विभागीय जाँच से परेशान होकर राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु
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मैं मरना चाहता हूँ , अब जीने की इच्छा नहीं - राष्ट्रपति को लिखा पत्र
प्रधानाचार्य और शिक्षिका में विवाद
प्रिंसिपल और शिक्षकों के बीच विवाद होना कोई नयी बात नहीं है अलग अलग हितों को लेकर दोनों के मध्य टकराव होता रहता है जिसमे कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि दोनों शिक्षित वर्ग से विद्वानों की श्रेणी में आते है दोनों समाज को एक नयी दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध भी होते है लेकिन कभी कभी ये विवाद जब हद से बढ़ जाता है तो स्थिति बदतर हो जाती है ऐसी ही एक स्थिति राजस्थान के झुंझुनू जनपद के इस्लामपुर गॉव के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षिका के बीच विवाद के बाद बनती दिखाई दे रही है जहाँ पर प्रिंसिपल ने विभागीय जाँच से तंग आकर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग तक कर डाली है |
प्रधानाचार्य |
प्रधानाचार्य श्री रामकृष्ण महरिया ने बताया कि उसका स्कूल में एक महिला शिक्षिका के साथ छुट्टियों को लेकर विवाद चल रहा है इस मामले में दोनों पक्षों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है जिसमे शिक्षा विभागीय अधिकारीयों को भी आरोपी बना गया है दोनो प्रकरणों की जाँच बीकानेर शिक्षा निदेशालय पिछले दो वर्षो से कर रहा है तथा सम्बंधित पक्षों को समय समय पर बुलाया भी जाता है इसी सिलसिले में बीकानेर से संयुक्त निदशक स्तर से एक टीम दो दिन पहले ही झुंझनू जनपद में आई हुई है प्रधानाचार्य ने बताया कि विभागीय टीम रात के बारह बजे तक जाँच के नाम पर परेशान करती है एक दिन पूर्व ही उनसे रात के बारह बजे तक पूछताछ की गई और अगली सुबह उन्हें जाँच के नाम पर डाइट में बुला लिया गया फिर पूछताछ के बाद उन्हें गर्मी में ही शिक्षकों का रिकॉर्ड लाने के लिए वापस इस्लामपुर स्कूल में भेजा गया रात भर जागने और फिर भागदौड़ के कारण उन्हें इतनी मानसिक और शारीरिक थकावट हुई कि उनकी तबियत बिगड़ गई उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा पिछले दो वर्षो से उन्हें इसी प्रकार प्रताड़ित होना पड रहा है अब वे इस प्रताड़ना से अत्यधिक परेशान हो गए है इसलिए राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करते है | प्रधानाचार्य ने कुछ विभागीय अधिकारीयों पर जातिगत दुर्भावना से प्रेरित होकर भी उन्हें प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है |
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