वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

इस राज्य में सरकारी शिक्षक करेंगे अब भिखारियों की भी गिनती

पढ़ाई से अलग सब कुछ करवाएंगे शिक्षक से ,फिर रिजल्ट ख़राब होने पर शिक्षक ही दोषी 

शिक्षक करेंगे अब भिखारियों की भी गिनती 

शिक्षक  को समाज में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाता है क्योंकि उस पर योग्य और ईमानदार  भविष्य की बुनियाद तैयार करने की जिम्मेदारी होती है लेकिन अब सरकार को शिक्षक से हर वो काम लेना चाहती है जो उसके विद्यालय की ड्यूटी से अलग है या जो उसके नियुक्ति दायित्व में नहीं है जैसे जनगणना , मिड डे मील परियोजना , पशु गणना , शराब की दुकान चेक करने की ड्यूटी  , सामूहिक विवाह समारोह में भोजन परोसने की ड्यूटी और शिव महापुराण कथा की व्यवस्था में ड्यूटी और भिखारी गणना , जी हाँ , भिखारी गणना , अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सरकारी शिक्षकों को भिखारी खोजने की ड्यूटी पर भी लगा दिया गया है | 

मध्य प्रदेश के ग्वालियर प्रशासन ने सरकारी शिक्षकों समेत शिक्षा विभाग से जुड़े अनेक कर्मचारियों की ड्यूटी सड़क और चौराहे पर भिखारियों को खोजने में लगा दी है जिसके लिए बाकायदा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आदेश जारी किया गया है इस आदेश के क्रमांक 4779 के अनुसार इसमें महिला और बाल विकास विभाग के एक विशेष अभियान की बात लिखी गयी है इस आदेश में ग्वालियर जनपद के हायर सेकण्डरी स्कूलों के कुछ प्रधानाचार्यों और कर्मचारियों समेत कुल दस शिक्षा से जुड़े कर्मचारियों के नाम है जब ये बात शिक्षक संगठनों तक पहुंची तो इसका विरोध शुरू हुआ और इस आदेश ने सभी को अचंभित कर दिया है | 

इस आदेश से पहले भी मध्य प्रदेश में सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी शराब की दुकान चेक करने ,सामूहिक विवाह समारोह में भोजन परोसने और शिव महापुराण कथा में भी लगाई जा चुकी है लेकिन अब भिखारियों की गिनती के आदेश ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है | 

पुरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इसका उदेश्य ऐसे बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाना है जो भिक्षावृत्ति के कारण स्कूल जाने से वंचित रह जाते है या जिनके मातापिता भिखारी होने के कारण अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते है इसलिए इस काम में सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गयी है | 


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