इस प्रदेश के शिक्षक देंगे शादी से पहले दहेज़ ना लेने का शपथपत्र

इस प्रदेश के शिक्षक देंगे शादी से पहले दहेज़ ना लेने का शपथपत्र 

देना होगा दहेज़ ना लेने का शपथपत्र 

भारत में दहेज़ प्रथा के विरुद्ध पूर्वकाल से ही विरोध होता आया है इसे भारत में एक बहुत बड़ी कुरीति के रूप में देखा जाता है इसके निवारण और इसे रोकने के लिए सरकार ने अनेक नियम और कानून बनाये है दहेज़ निषेध अधिनियम 1961 के धारा 3 और 4 के अनुसार दहेज़ लेने या देने या लेने देने में सहयोग करने के आरोप में 5 वर्ष की कैद और 15000 रूपये तक का जुरमाना या दोनों हो सकते है | 

इस कुरीति के विरुद्ध अब उत्तर प्रदेश सरकार ने शासन स्तर पर अपने कर्मचारी और अधिकारीयों पर सख्ती शुरू कर दी है सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी अब अपनी शादी में दहेज़ नहीं ले सकेंगे उन्हें अपनी शादी के समय अपने नियुक्ति अधिकारी को यह शपथ पत्र देना होगा कि उन्होंने अपनी शादी में कोई दहेज़ नहीं लिया है | उत्तर प्रदेश दहेज़ प्रतिषेध नियमावली 2004 के अनुसार सभी शिक्षक दहेज़ नहीं लेने का शपथ पत्र देंगे साथ ही साथ छात्रों और दूसरे अन्य लोगों को भी दहेज़ नहीं लेने के लिए प्रेरित करेंगे | इस व्यवस्था का सभी शिक्षक संघों और शिक्षक समूहों ने स्वागत किया है सरकारी सेवा से जुड़े अनेक कर्मचारियों ने कहा की उन्हें दहेज़ नहीं बल्कि पढ़ी लिखी लड़की चाहियें , इस आदेश का पालन सभी शिक्षकों और समाज के बड़े तबके को दहेज़ न लेने के लिए प्रेरित करेगा | 

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