सामाजिक विज्ञान भूगोल -भारत आकार और स्थिति
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पाठ 01 सामाजिक विज्ञान भूगोल -भारत आकार और स्थिति
भारत आकार और स्थिति |
प्रश्न संख्या 01 - हिन्द महासागर में भारत की केंद्रीय स्तिथि से उसे कैसे लाभ हुआ है ?
उत्तर -हिंद महासागर, भारत की प्रमुख स्थिति से, राष्ट्र को विभिन्न तरह के लाभ प्रदान करता है। यह एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और पर्यटन स्थल है जो आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है। समुद्री जीवन का संपदा एवं प्राकृतिक संसाधनों का खजाना है, जो आदिवासी समुदायों और समुद्र जीवों के लिए आवास और आजीविका का स्रोत है। साथ ही, इसका रखरखाव और समुद्री सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करता है। हिंद महासागर के तट प्रदेशों में प्रदूषण और अपर्याप्त जल संसाधनों का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण चुनौती है।
प्रश्न संख्या -02 -सूर्योदय अरुणचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 02 घंटे पहले क्यों होता है जबकि दोनों राज्य की घड़ियाँ एक समय दिखाती है ?
उत्तर -भारतीय मानक समय (IST) द्वारा समय का आधार नहीं लिया जाता है। अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में सूर्योदय गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा दो घंटे पहले होता है क्योंकि अरुणाचल प्रदेश को 'अरुणाचल प्रदेश मानक समय' (AIST) का उपयोग किया जाता है, जो भारतीय मानक समय से पूर्व है। इसलिए, यदि दोनों राज्यों की घड़ियाँ एक समय दिखाई देती हैं, तो सूर्योदय का समय अरुणाचल प्रदेश में पहले होगा।
प्रश्न संख्या -03 भारत में मौसम की दृष्टि से बंगाल की खाड़ी का क्या महत्व है ?
उत्तर -बांग्लादेश की खाड़ी भारतीय मौसम के लिए महत्वपूर्ण है। यह मौसम प्रणालियों को प्रभावित करती है, विशेष रूप से मंसून के प्रवाह को। खाड़ी के साथ-साथ उसकी उत्तरी किनारे पर स्थित बंगलादेश एक विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह मंसूनी वातावरण के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाता है। खाड़ी से उत्पन्न तापमान और वायुमंडलीय प्रभावों के कारण भारत में मौसम के परिवर्तनों को प्रभावित करता है। इसके अलावा, खाड़ी के किनारे पर बांगलादेश के बांध और जलसंचार प्रकल्प भी भारतीय मौसम को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न संख्या -04 अंडमान निकोबार का भारत की अर्थव्यवस्था में क्या योगदान है ?
उत्तर -अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारतीय अर्थव्यवस्था में कई तरह के योगदान करते हैं। ये द्वीप समूह समुद्री आधारित अर्थव्यवस्था, पर्यटन, मत्स्यपालन, और जल संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंडमान और निकोबार क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों का खजाना है जिसमें जल, जंगल और खासकर जलवायु संसाधन शामिल हैं। इनके माध्यम से देश में पर्यावरण संरक्षण, जल संसाधन का प्रबंधन, और मत्स्यपालन की विभिन्न कार्यक्रमों को समर्थन प्राप्त होता है। इसके अलावा, पर्यटन के क्षेत्र में भी ये द्वीप समूह अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
प्रश्न संख्या 05 - हिमालय का भारत के मौसम की दृष्टि से क्या महत्व है ?
उत्तर - हिमालय भारतीय मौसम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्वत श्रृंखला भारतीय मौसम को कई तरह से प्रभावित करती है।
मौसम प्रणाली पर प्रभाव: हिमालय की ऊंचाई से आने वाली तापमान व वायुमंडलीय प्रभाव भारतीय मौसम प्रणाली पर प्रभाव डालते हैं।
मॉनसून: हिमालय द्वारा प्राप्त बारिश मुख्य रूप से भारतीय मॉनसून के उत्थान और प्रवाह को प्रेरित करती है।
वायुमंडलीय प्रभाव: हिमालय के वायुमंडलीय प्रभाव के कारण उत्तरी और दक्षिणी भारत में तापमान, वायु दाब, और वर्षा में विविधता आती है।
जल संसाधन: हिमालय से निकलने वाले नदियाँ भारत के जल संसाधन के मुख्य स्रोत हैं और लाखों लोगों को पानी प्रदान करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण: हिमालय के वन्य जीव और वन्य जीवों के आवास के क्षेत्र के रूप में, इसका महत्व पर्यावरण संरक्षण में भी है
पर्यटन: उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य, पर्वतीय स्थलों, पारंपरिक संस्कृति और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इसके पर्यटन सेक्टर द्वारा देश और विदेशों से पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है, जिससे राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
वन्य जीवन और वन्य जीव संरक्षण: उत्तराखंड में वन्य जीवन और वन्य जीव संरक्षण को महत्व दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिए उत्तम है। यह राज्य अपने वन्य जीवों की अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है और इसके धरोहर का संरक्षण करने में लगा है।
विशेष उत्पादों का उत्पादन: उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के विशेष उत्पादों का उत्पादन होता है, जैसे कि भारतीय चाय, बालू, अदरक, और शिलाजीत आदि। इन उत्पादों का उत्पादन और विपणन राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इन सभी कारकों ने उत्तराखंड की आर्थिकी में योगदान किया है, लेकिन पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण का योगदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
प्रश्न संख्या -07 भारत कितने डिग्री अक्षांश और देशांतर के बीच फैला है और इन अक्षांश और देशान्तरों का क्या महत्व होता है ?
उत्तर -भारत का अक्षांश 8 डिग्री से 37 डिग्री उत्तर और देशांतर 68 डिग्री से 97 डिग्री पूर्व फैला हुआ है।
अक्षांश और देशांतर भूगोल के महत्वपूर्ण मापन हैं जो दिशा और स्थान की स्पष्टता प्रदान करते हैं। ये भूमि के स्थान को निर्धारित करते हैं और नक्शों और जमीनी सर्वेक्षणों में महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं।
अक्षांश और देशांतर विज्ञान, नेविगेशन, और समय संबंधी गणना के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इन्हें भौतिकी, ग्रहण और ज्योतिषीय अनुसंधानों में भी उपयोग किया जाता है। इनका सही मापन और उपयोग भूमिगत संरचनाओं की निर्माण, जलवायु अध्ययन, और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
प्रश्न संख्या -08 भारत का कुल कितना भौगोलिक क्षेत्रफल है ?
उत्तर - भारत का कुल कितना भौगोलिक क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है |
प्रश्न संख्या -09 भारत के मध्य से कोन सी रेखा गुजरती है और ये कितने डिग्री अक्षांश पर है ?
उत्तर - भारत के मध्य से कर्क रेखा गुजरती है और ये 23 डिग्री 30 मिनट उत्तरी अक्षांश पर है |
प्रश्न संख्या -10 भारत का क्षेत्रफल विश्व के भौगोलिक क्षेत्रफल का कुल कितना प्रतिशत है ?
उत्तर - भारत का क्षेत्रफल विश्व के भौगोलिक क्षेत्रफल का कुल 2.4 प्रतिशत है |
प्रश्न संख्या -11 भारत की स्थल रेखा की कुल लम्बाई कितनी हैं ?
उत्तर - भारत की स्थल रेखा की कुल लम्बाई 15200 किलोमीटर हैं |
प्रश्न संख्या -12 भारत की मानक याम्योत्तर रेखा किसे माना गया है ?
उत्त्तर - भारत की याम्योत्तर रेखा 82 डिग्री 30 मिनट को माना गया है जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गुजरती है |
प्रश्न संख्या-13 कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन रात की अवधि में अंतर क्यों है ?
उत्तर - कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन और रात की अवधि में अंतर कई कारणों से होता है।
भूगोलिक स्थिति: कन्याकुमारी भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण में स्थित है, जबकि कश्मीर उत्तर में स्थित है। इसके कारण, कन्याकुमारी सूर्य के प्रति सीधे संपर्क में होता है, जबकि कश्मीर सूर्य के लिए थोड़ी सी दूरी पर है। इसके फलस्वरूप, कन्याकुमारी में सूर्यास्त और सूर्योदय का अंतर छोटा होता है, जबकि कश्मीर में यह अंतर बड़ा होता है।
क्षेत्रीय समय की अंतरिक्ष स्थिति: क्षेत्रों के लंबवत स्थानांतर अंतर के कारण, कन्याकुमारी और कश्मीर में समय का अंतर होता है। कश्मीर उत्तरी भारत में स्थित है, जो भारतीय मानक समय (IST) का ३० मिनट पूर्वावलोकन करता है, जबकि कन्याकुमारी भारतीय मानक समय का हिस्सा है। इसलिए, कश्मीर में दिन और रात की अवधि कुछ अलग हो सकती है।
मौसम के प्रभाव: कश्मीर उत्तरी हिमालय क्षेत्र में स्थित है, जिसके कारण वहां ठंडी मौसम होता है और चारों मौसम का प्रभाव महसूस होता है। इसके विपरीत, कन्याकुमारी तटीय क्षेत्र में है, जिससे उसका मौसम गर्म और उमस भरा रहता है। यह भी दिन और रात की अवधि में अंतर को प्रभावित कर सकता है।
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यह रेखा भारत के मध्य भाग से होकर गुजरत की समुद्री सीमा के करीब जाती है।
प्रश्न संख्या -20 उत्तराखंड राज्य का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार क्या है ?
उत्तर - उत्तराखंड राज्य का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार निम्नलिखित है:
अक्षांशीय विस्तार: उत्तराखंड का अक्षांशीय विस्तार लगभग 28.61° उत्तरी अक्षांश से 31.28° उत्तरी अक्षांश तक है।
देशांतरीय विस्तार: उत्तराखंड का देशांतरीय विस्तार लगभग 77.5° पूर्वी देशांतर से 81.02° पूर्वी देशांतर तक है।
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