NCERT की पुस्तकों में छात्र अब इंडिया की जगह पढ़ेंगे भारत

आइजेक समिति ने अपनी रिपोर्ट में संस्तुति की 

NCERT की पुस्तकों में परिवर्तित

NCERT की पुस्तकों में अब छात्र इंडिया के स्थान पर भारत शब्द को ही पढेंगे , NCERT की उच्च स्तरीय समिति ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है ,समिति ने इंडिया के स्थान पर भारत शब्द के प्रयोग को स्वीकृति दे दी है, इस समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर सी आई आइजेक है | शब्द "इंडिया" का उपयोग प्राचीन समय से भारत के लिए किया जाता आया है। इसकी उत्पत्ति यूरोपीय व्यक्तियों के द्वारा भारत के प्राचीन समय के संपर्क के दौरान हुई, जब वे भारत को "इंडिया" कहने लगे।

भारत का नाम "इंडिया" कैसे पड़ा, इसका विकास भी यूरोपीय यात्री और व्यापारी समुदायों के साथ जुड़ा है। "इंडिया" शब्द का उपयोग पहले भारत के दक्षिणी भाग को चिन्हित करने के लिए किया जाता था, जिसमें केरल और तमिलनाडु जैसे क्षेत्र शामिल थे। यूरोपीय यात्री और व्यापारी इस शब्द का उपयोग किया और बाद में इसे भारत के सारे खंड को दर्शाने के लिए उपयोग किया।

आइजेक समिति ने सिफारिश की है कि प्राथमिक स्कूली शिक्षा से लेकर हाईस्कूल के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत शब्द ही होना चाहिए ,इसे चरणबद्ध तरीके से परिवर्तित किया जाना चाहिए ,समिति ने तर्क दिया कि पुस्तकों में प्राचीन शब्दों के उपयोग के स्थान पर शास्त्रीय या क्लासिकल शब्दों का ही प्रयोग किया जाना चाहिए , इस स्वीकृति के बाद अब NCERT की पुस्तकों में भारत शब्द ही मुद्रित किया जायेगा जबकि भारत का नाम इंडिया तुर्क ,अफगानों और यूनानियों के आक्रमण के बाद से प्रचलित हुआ है |

आइजेक समिति ने कहा कि भारत शब्द उल्लेख विष्णु पुराण से लेकर आदि ग्रंथों में भी है यहाँ तक की महाकवि कालिदास ने भी अपनी कविताओं में भारत शब्द का ही प्रयोग किया है , इसके साथ साथ वर्त्तमान पुस्तकें इतिहास के संदर्भ में लड़ाईयों में हिन्दू राजाओं की हार पर अधिक जोर देती है जबकि इसे विस्तृत और सही तरीके से लिखें जाने की आवश्यकता है |

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