टकीला ,बीयर , वोदका ,वाइन ,रम और विह्स्की के क्या है फर्क

किससे कितना नशा हो सकता है

क्या है फर्क 


शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है , लेकिन फिर भी विश्व में एक बड़ी संख्या में लोग इसका सेवन करते है लेकिन इनमे से भी बहुत कम लोग जानते होंगे कि टकीला ,बीयर , वोदका ,वाइन ,रम और विह्स्की में क्या अंतर होता है कौन कितना नशा कर सकती है ये सामान्य और रोचक जानकारी है  | 

टकीला-  टकीला एक प्रकार की मेक्सिकन शराब होता है और इसकी कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:

  1. उत्पादन क्षेत्र: टकीला का मुख्य उत्पादन क्षेत्र मेक्सिको होता है, और इसका उत्पादन मुख्य रूप से जलियल और टकीला आगावे की पौधों से होता है. टकीला का नामांकन केवल विशिष्ट क्षेत्रों में हो सकता है, जैसे कि हालिस्को और जालिस्को वैली क्षेत्र.

  2. आगावे: टकीला आगावे पौधों के रस से बनता है, जिसे अगावे कहा जाता है. यह पौधा मुख्य रूप से मेक्सिकन ब्लू एगेव पौधे से बनाया जाता है. आगावे का रस उबालकर फिर फरमेंट किया जाता है, और फिर उससे टकीला बनाई जाती है.

  3. अल्कोहोल की मात्रा: टकीला की अल्कोहोल की मात्रा आमतौर पर 38% से 55% तक होती है, लेकिन आमतौर पर इसकी मात्रा 40% से 50% तक होती है.

  4. स्वाद और विभिन्न प्रकार: टकीला के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि ब्लांको (साफ या सादा), रेपोसाडो वर्ड (वर्ड का मतलब होता है "रखा हुआ"), और आनेजो वर्ड

  5. (वर्ड का मतलब होता है "साल वाला"). इन प्रकारों में टकीला का रंग, स्वाद, और सुगंध में अंतर होता है.

  6. कोकटेल और पीने का तरीका: टकीला को आमतौर पर लेमन या लाइम के साथ पीते हैं |

वाइन- वाइन लाल और सफ़ेद दो रंगों में उपलब्ध होती है इसमें अल्कोहल की मात्रा कम होती है इसका स्वाद भी कम तीखा या हल्का होता है रेड वाइन लाल या काले अंगूर के पल्प और जूस से बनायीं जाती है इसको अंगूर के छिलके के साथ फर्मेन्टेड किया जाता है जबकि वाइट वाइन के लिए भी अंगूर का जूस निकाला जाता है लेकिन इसमें छिलकों को फर्मेन्टेड नहीं किया जाता है 

सामान्यत:

  1. वाइन का अल्कोहोल सामान्यत: 9% से 16% तक होता है.
  2. अल्कोहोल की मात्रा किसी वाइन के प्रकार और शराब बनाने के तरीके पर निर्भर करती है.
  3. वाइन बनाने के लिए अंगूर (अंगूर की रस), अंगूर की चादर (अंगूर के छिलके), या अन्य फलों का रस (जैसे कि सेब, अनार, किन्नू) का उपयोग किया जा सकता है|
  4. बीयर-बीयर बनाने की प्रक्रिया को पिवोटन या ब्रूइंग कहा जाता है, और इसमें अल्कोहोल की मात्रा प्रकृति बीयर, ब्रण्ड, या प्रकृति के बीयर के प्रकार पर निर्भर करती है. अक्सर बीयर में अल्कोहोल की मात्रा 3% से 12% तक होती है, लेकिन इसकी मात्रा विभिन्न प्रकार की बीयर में भिन्न हो सकती है.

    बीयर बनाने की प्रक्रिया आमतौर पर निम्नलिखित चरणों में होती है:

    1. माल्टिंग: इसमें अण्डाज उपयोग करके अण्डाज को माल्ट बनाया जाता है, जिसमें से धान्य को बीयर का आधा जादू का प्रारंभिक माल्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है.

    2. ब्रूइंग: माल्ट को गर्म पानी में डाला जाता है, जिससे मैल्टोज़ से शुगर निकलता है. इसके बाद हॉप्स (भूतिया गेंदू) का उपयोग होता है, जो बीयर को खुशबू और स्वाद देता है. इसके बाद, वीस्ट (बीयर का शराबी) को बीयर में मिलाया जाता है.

    3. फरमेंटेशन: वीस्ट को डालने के बाद, फरमेंटेशन शुरू होती है, जिसमें यीस्ट शुगर को अल्कोहोल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदलता है. इस प्रक्रिया के दौरान बीयर में अल्कोहोल बनता है.

    4. पैकेजिंग: बीयर को बोतलों या कैनों में पैक किया जाता है, जहाँ से इसे बाजार में बेचा जाता है.

    बीयर की अल्कोहोल की मात्रा ब्रण्ड और प्रकृति के आधार पर विभिन्न हो सकती है, इसलिए ब्रूइंग कंपनियों द्वारा निर्मित बीयर के पैकेज पर आमतौर पर अल्कोहोल की मात्रा दर्ज की जाती है।
  5. वोदका-वोडका का मुख्य घटक अल्कोहोल (इथेनोल) होता है, और यह अकेला ही वोडका का मुख्य आलस्य होता है. अल्कोहोल का प्रतिशत वोडका की ब्रांड और तैयारी प्रक्रिया पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर वोडका में अल्कोहोल की मात्रा 40% से 50% तक होती है-
  6. वोडका की कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

    1. अल्कोहोल की मात्रा: वोडका एक प्रकार की शक्कर की बनाई गई शराब होती है जिसमें आमतौर पर अल्कोहोल की मात्रा 40% से 50% तक होती है। यह अल्कोहोल की अधिकता के लिए प्रसिद्ध है.

    2. आखिरी स्तर की शुद्धता: वोडका की शुद्धता और अलकोहोल की अधिकता का अंतिम स्तर तय करने के लिए विभिन्न प्रक्रियाएँ अनुमानित रूप से बिताई जाती हैं। इसका परिणाम होता है एक अल्कोहोल जिसमें कम बदलव होता है और गंध या स्वाद की कमतरता होती है।

    3. रसीलापन और आकर्षण: वोडका का स्वाद और गंध आमतौर पर साफ और अल्प रूप में होते हैं, जिसका मतलब है कि वोडका को आसानी से मिश्रित किया जा सकता है और इसका उपयोग किसी भी प्रकार के कॉकटेल या मिक्सड्रिंक्स में किया जा सकता है।

    4. निष्कर्षक स्वाद: वोडका का स्वाद आमतौर पर अस्तम्भनरहित होता है, जिससे यह अन्य रसों और नमकीन खानों के साथ अच्छा मिलता है। यह बीयर या शराब की तरह विशेष रुचि वाले रसों की तरह नहीं होती है.

    5. व्यापक उपयोग: वोडका का व्यापक उपयोग होता है, जिसका मतलब है कि इसे साफ रूप से पी सकते हैं या इसका मिश्रण किसी भी प्रकार के कॉकटेल में किया जा सकता है, जैसे कि मार्ट

    6. रम - रम (Rum) एक प्रकार की शराब है जो आमतौर पर उबले हुए गन्ने के रस (मोलासस) से बनता है। इसकी कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

      1. मूल उत्पादन क्षेत्र: रम का मूल उत्पादन क्षेत्र करीबी आद्रीय सागर क्षेत्र, कैरिबियन द्वीप समूह, और संयुक्त राज्य आदि गन्ने के उत्पादन क्षेत्रों में होता है।

      2. मोलासस से बनाया जाता है: रम का मुख्य घटक मोलासस होता है, जो गन्ने के रस के उत्पादन के दौरान बचा हुआ रस होता है. इस मोलासस को ब्रूइंग और डिस्टिलेशन की प्रक्रिया के माध्यम से रम में परिवर्तित किया जाता है|

      3. उत्पादन क्षेत्र - विभिन्न देश: रम के उत्पादन क्षेत्र विभिन्न देशों में होते हैं, जैसे कि क्यूबा, जमैका, डोमिनिकन गणराज्य, भारत, और मेक्सिको. हर देश का रम में अपना अद्वितीय रसायनी प्रोफाइल और स्वाद होता है

      4. विह्स्की-व्हिस्की (Whiskey) एक प्रकार की शराब है और इसकी कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

        1. अगावे नहीं, अनाज का उपयोग: व्हिस्की निर्माण में अगावे का उपयोग नहीं होता, जैसा कि टकीला में होता है। इसके बजाय, व्हिस्की का मुख्य घटक अनाज, जैसे कि जौ, कॉर्न, राइ, बार्ली, और अन्य अनाज से बनता है.

        2. डिस्टिलेशन प्रक्रिया: व्हिस्की का निर्माण बड़े पैमाने पर डिस्टिलेशन (अभिःशिक्ता) के माध्यम से होता है, जिससे अल्कोहोल को पवन किया जाता है और उसका प्रशंसा स्वाद और गंध की क्शमता बढ़ा दी जाती है.

        3. उम्रदर: व्हिस्की की उम्र बढ़ाने के लिए इसे अक्षम बड़े बर्तनों में पकाने की प्रक्रिया की जाती है. व्हिस्की की उम्र आमतौर पर बारेल में वर्षों के रूप में मापी जाती है, और इसका प्रभाव इसके स्वाद और गंध पर होता है.

        4. विभिन्न प्रकार: व्हिस्की की कई विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि स्कॉच व्हिस्की, आइरिश व्हिस्की, बरबॉन व्हिस्की, राइ व्हिस्की, और राइ व्हिस्की, और इन प्रकार में व्हिस्की की विशेष विशेषताएँ होती हैं.

        5. स्वाद और गंध: व्हिस्की का स्वाद और गंध आमतौर पर अल्प गंधवन्त होता है और विभिन्न प्रकार की व्हिस्की में यह गंध और स्वाद विभिन्न होते हैं, जिससे हर प्रकार की व्हिस्की की खास पहचान होती है |


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