उत्तराखंड में बच्चो के लिए बनेंगे आधार आयुष्मान कार्ड

आधार आयुष्मान कार्ड और मोबाइल स्कूल सेवा 

 बच्चो के लिए बनेंगे आधार आयुष्मान कार्ड 

भारत में बच्चो के अधिकारों के लिए कई प्रकार के क़ानून है जैसे बच्चों के अधिकार (फ्री और कंपल्सरी शिक्षा)अधिनियम 2009 ,बालक और बालिका (बच्चों के साथ दुर्व्यवहार रोकथाम) अधिनियम 2020,बच्चों के अधिकार (बालकों के विकास के लिए ध्यान) अधिनियम 2005 और जुवेनाइल जस्टिस (केयर और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) अधिनियम 2015 अधिनियम बच्चों को उनकी सुरक्षा और सुरक्षा की दिशा में और बेहतर सुरक्षा देने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों के साथ दुर्व्यवहार को रोकना और उनकी सुरक्षा की देखभाल और निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करना है|

उत्तराखंड अपर सचिव ने निराश्रित ,बाल श्रम से मुक्त बच्चों के लिए प्रत्येक जिले में तहसील स्तर पर अभियान चलाकर स्वास्थ्य आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड बनवाने के लिए निर्देश जारी किये है इसके साथ साथ उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि अपने अपने जिलों में बाल विवाह रोकने के लिए विद्यालयी शिक्षा विभाग की सहायता से कक्षा 8 के बाद या कक्षा 8 से पूर्व विद्यालय छोड़ने वाली छात्राओं के डेटा भी एकत्र करे जिससे ये मालूम किया जा सकें कि कहीं इन बालिकाओं का बालविवाह तो नहीं करवाया गया है , शालात्यागी छात्रों के आंकड़े एकत्र कर इन छात्रों की शिक्षा के लिए विशेषकर खनन में कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों के लिए मोबाइल स्कूल की व्यवस्था को धरातल पर उतारा जाये जिससे ये छात्र भी शिक्षित हो सकें, ऑपेरशन मुक्ति के तहत बाल श्रम से मुक्त और निराश्रित बच्चों के डाटा भी निर्धारित प्रारूप पर CISS पोर्टल पर अपलोड करने से निर्देश दिए गए है |

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