वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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शिक्षकों की NPS पेंशन में सरकारी बाबुओं की मनमानी ने लगाया शिक्षकों को चूना

NPS की पेंशन में सामने आया बड़ा झोल 

शिक्षकों की NPS पेंशन में भी मनमानी 

नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) की शुरुआत भारत में 1 जनवरी 2004 को हुई थी। NPS भारतीय सरकार द्वारा पेंशन प्रणाली को सुधारने और देश के नागरिकों को विभिन्न विकल्पों के साथ पेंशन के लिए निवेश करने का एक माध्यम है। इस प्रणाली के तहत, लोग अपनी वृद्धावस्था में निवेश करके एक निर्धारित धनराशि जमा करके अपनी पेंशन की योजना बना सकते हैं। 2005 से सरकारी कर्मचारियों के वेतन से आहरित धनराशि भी NPS में निवेशित की जाने लगी | 

दरअसल मामला मई 2016 से NPS में कटौती करा रहे उन हजारों उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से जुड़ा है जिनके वेतन से लगातार एक निश्चित धनराशि एक अनुपात में बाजार में NPS अंशदान के रूप में निवेशित की जा रही है इनके NPS खाते का लेनदेन भी मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से ही होता है और इनके वेतन आहरण अधिकारी भी मुख्य शिक्षा अधिकारी ही होते है और उनके माध्यम से ही शिक्षकों के पैसे प्रान अकाउंट में NSDL को ट्रांसफर किये जाते है और उत्तर प्रदेश के इन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति पर मुख्य शिक्षा अधिकारी के आदेश पर ही पेंशन के बकाया का भुगतान होता है और सरकार ने ही  इनके पेंशन की राशि को क्रमशः SBI ,UTI और LIC में इसी क्रम में 33 ,34 और 33 प्रतिशत के अनुपात में निवेशित करने की सहमति दी है लेकिन पिछले कुछ वर्षो से बड़ी बड़ी निजी कंपनियां ने बाबुओं को प्रलोभन देकर शिक्षकों की पेंशन राशि बिना शिक्षकों और सरकार की सहमति से इन निजी कंपनियों में निवेशित कर दी है जो  वित्तीय अपराध की श्रेणी में आता है और इससे ये भी आशंका होती है कि क्या NPS में NSDL के पास जमा पेंशन का पैसा सुरक्षित नहीं है | ?

इससे इतर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय का कहना कि उनके स्तर से NPS खातों से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है और NPS खातों का कस्टोडियन NSDL ही होता है और सभी प्रकार के लेन देन वही से होते है इसलिए NSDL ही इन सबके लिए जिम्मेदार है ,पीड़ित शिक्षकों के अनुसार उन्हें इससे हर महीने 12000 से 15000 रूपये का घाटा अनुमानित रूप से हो रहा है ,पीड़ित शिक्षकों में केसर विद्यापीठ इण्टर कॉलेज के शिक्षक योगेश कुमार मिश्र , श्री कृष्ण इण्टर कॉलेज देवनहरी  के विनोद कुमार मिश्र और ग्राम उद्योग इण्टर कॉलेज सरांयबंसी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है | 

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