वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

CBSE सभी स्कूल केवल NCERT किताबों से ही पढ़ाएं अगर नहीं मानें तो मान्यता होगी रद्द

प्राइवेट स्कूल सहित सभी को सीबीएसई ने दिया सख्त आदेश 

NCERT बुक्स है अनिवार्य  


 सीबीएसई बोर्ड ने देश के सभी प्राइवेट स्कूलों को जो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है सख्त आदेश दिया है कि सभी स्कूलों को कक्षा 01 से कक्षा 08 तक NCERT की किताबें ही पढानी होगी आदेश का उल्लंघन करने पर सीबीएसई उक्त स्कूल की मान्यता को किसी भी समय रद्द कर सकता है |  सीबीएसई ने इस संदर्भ में विस्तृत डिटेल्स के साथ पिछले दिनों एक सर्कुलर जारी किया है जिसमे स्पष्ट निर्देश है कि सभी स्कूलों को NCERT की किताबें ही उपयोग में लानी है , सीबीएसई समय समय पर रैंडमली किसी भी स्कूल की कक्षाओं में जाकर कभी भी इस बात की जाँच कर सकता है कि स्कूल में NCERT की किताबें चलाई जा रही है या नहीं ,यदि किसी कारण से स्कूल में NCERT की पुस्तके उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो उनके लिए सीबीएसई ने राष्ट्रीय सिलेबस रुपरेखा (NCF) के तहत छात्रों के लिए सभी विषयों के लिए डिजिटल कंटेंट तैयार करवाया है ये डिजिटल कंटेंट सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन मोड़ में पीडीऍफ़ डाउनलोड के विकल्प के साथ मौजूद है कोई भी स्कूल या छात्र अपनी सुविधानुसार इसे वहां से भी डाउनलोड कर सकता है | 

इसके साथ ही जिन विषयों की किताबे बाजार में उपलब्ध नहीं है या कम संख्या में उपलब्ध है उनका पाठ्यक्रम भी सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है | सीबीएसई ने NCERT की किताबों को सभी स्कूलों में एक साथ लागू करने का फैसला इसलिए भी किया है ताकि सीबीएसई के तहत देशभर के सभी स्कूलों में एक जैसा पाठ्यक्रम उपलब्ध हो और दूसरा NCERT की किताबे प्राइवेट पब्लिशर की किताबों के मुकाबले कही अधिक उचित कीमत में और आसानी से उपलब्ध हो जाती है इसलिए अभिभावकों पर छात्रों की पढ़ाई को लेकर अधिक आर्थिक दबाव भी नहीं पड़ता है साथ ही पूरे देश में सभी छात्रों को एक जैसी गुणवत्तापरक शिक्षा भी प्रदान की जा सकती है   |  

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