बांग्लादेश- प्रदर्शनकारी भीड़ ने अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस को उनके घर में ही घेरा
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क्या फिर से कुछ बड़ा होने वाला है भारत के पडोसी देश बांग्लादेश में
कुछ समय पूर्व बांग्लादेश में हुई बगावत में निर्वाचित सरकार की प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रदर्शनकारी भीड़ ने जिसमे छात्र और सामान्य लोग शामिल थे ,बांग्लादेश से भागने पर विवश कर दिया था जिसके बाद शेख हसीना भागकर बांग्लादेश से भारत में राजनैतिक शरणागत के रूप में रहने लगी थी और बांग्लादेश के एक पढ़े लिखे अर्थशास्त्री और शेख हसीना के धुर विरोधी मो यूनुस को बांग्लादेश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है लेकिन अब एक नई खबर ने बांग्लादेश के पड़ौसी देश भारत के भी कान खड़े कर दिए है बांग्लादेश में हर दिन प्रदर्शन का तापमान बढ़ता जा रहा है 22 अगस्त की जो तस्वीर मीडिया में आयी है वो और 5 अगस्त की तस्वीर लगभग एक जैसी है 22 अगस्त को प्रदर्शनकारी भीड़ ने अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस को उनके घर में ही घेर लिया है इस भीड़ में छात्र ,सरकारी कर्मचारी , महिलाएं और कट्टरपंथी लोग शामिल है भीड़ यूनुस की बात भी सुनने को तैयार नहीं है ऐसा लग रहा है जैसे अब यूनुस से भी बांग्लादेश नहीं संभल रहा है सरकार के पास आर्थिक संकट भी गहराने लगा है और प्रदर्शनकारी उनकी बात भी नहीं मान रहे है उनके सरकार बनाने के बाद अब तक प्रदर्शनकारी अपने घरों में भी नहीं लौटे है और पुरे देश में अव्यवस्था बनी हुई है यूनुस पूरी तरह से लाचार प्रतीत हो रहे है ऐसा लग रहा है कि सेना अपनी सरकार बनांने की फ़िराक में हो सकती है, बंगबंधु की विचारधारा को पीछे छोड़ते हुए बांग्लादेश एक इस्लामी कट्टरपंथी विचारधारा वाला देश बनने की राह पर जाता लग रहा है जैसे पाकिस्तान में हुआ था और यदि ऐसा होता है तो भारत के लिए पकिस्तान के बाद एक और कट्टरपंथी पड़ौसी बनकर तैयार हो जायेगा , इन परिस्तिथियों को देखते हुए भारत को बांग्लादेश में सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर जो अमानवीय अत्याचार हो रहे है उनको लेकर भारत में भी असंतोष पनप रहा है |
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