बायोमेट्रिक हाजिरी से बचने को शिक्षक नकली फिंगर प्रिंट उपयोग-AI ने पकड़ा पैटर्न
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बायोमेट्रिक हाजिरी से बचने के लिए शिक्षक नकली फिंगर प्रिंट कर रहे है उपयोग
AI ने पकड़ा पैटर्न |
तू डाल डाल मैं पात पात वाली कहावत को सही साबित करते मेडिकल कॉलेज के कुछ शिक्षकों ने मोम से , फेविकोल से और सिलिकन जैली से अपनेअपने फिंगरप्रिंट का क्लोन बना रखा है और कॉलेज से अनुपस्थित रहते हुए भी उनकी उनके फिंगर प्रिंट क्लोन से हाजिरी लग जाती है ,राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में बने कन्ट्रोल रूम में आर्टिफिसियल इंटेलीजेंसी (AI) ने पिछले छह महीने के फिंगरप्रिंट पैटर्न का अध्ययन कर ये निष्कर्ष निकाला है कि कुछ मेडिकल कॉलेज के कुछ शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी से बचने के लिए नकली फिंगर प्रिंट क्लोन का उपयोग कर रहे है |
्राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के सचिव डॉ श्रीनिवास ने अपने पत्र में लिखा कि कुछ मेडिकल कॉलेज में संकाय सदस्य बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए नकली बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट क्लोन का उपयोग कर रहे है उन्होंने लिखा कि ये बेहद गंभीर बात है और सभी को आदेशित किया जाता है कि सभी संकाय सदस्यों को अपनी व्यक्तिगत रूप से हाजिरी दर्ज करनी होगी अगर आगे से इसमें सुधार नहीं होता है तो विभाग सख्त कार्यवाही करेगा | राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) नई दिल्ली स्थित मुख्यालय ने बताया कि नकली फिंगर का उपयोग करने वाले कॉलेजेस में कर्णाटक , मध्यप्रदेश ,बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ कॉलेजेस है | राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) नई दिल्ली स्थित मुख्यालय ने ये भी निर्णय लिया है प्रत्येक मेडिकल कॉलेज की एक अलग वेबसाइट होगी जिसपर उनके विभाग के सभी संकाय सदस्यों के नाम, उनके फोटो, शिक्षा और चिकित्सा प्राप्त करने का लाइसेंस नंबर और फ़ोन नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने इसके लिए समयबद्धता निर्धारित की है |
यदि वास्तव में AI से सभी सरकारी विभागों की जाँच की जाएँ तो अनेक विभाग में ऐसी नकली बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट क्लोन सिस्टम से का पता लग सकता है इसलिए सरकार को सभी विभागों में AI नियंत्रित जाँच करनी चाहिए |
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