वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

उत्तराखंड- अल्मोड़ा में एक सरकारी स्कूल ने एक छात्रा को निकाह के बाद कक्षा में बैठने से रोका

क्या शादी के बाद किसी छात्रा को स्कूल में रेगुलर पढ़ाई से रोका जा सकता है 

स्कूल 


क्या किसी छात्रा को शादी या निकाह के बाद स्कूल में नियमित रेगुलर पढाई करने से रोका जा सकता है उत्तराखंड के अल्मोडा में स्थित राजकीय इण्टर कॉलेज अल्मोड़ा में कक्षा 11 में पढने वाली एक छात्रा ने पढ़ाई के दौरान ही निकाह कर लिया है निकाह के कुछ दिनों के बाद जब वह छात्रा में दोबारा पढने आयी तो शिक्षक और प्रधानाचार्या ने ये कहकर छात्रा को कक्षा में बैठने को मना कर दिया कि अब उसे प्राइवेट छात्रा के रूप में ही पढ़ाई करनी होगी क्योंकि उसके कक्षा में बैठने से कक्षा का माहौल ख़राब हो सकता है और शादीशुदा लड़की को नियमित रूप से कक्षा में नहीं बैठा सकते है  | 

इसके बाद पिछले चार दिनों से छात्रा के परिजन स्कूल के चक्कर काट रहे है परिजन प्रधानाचार्य से ये भी निवेदन कर रहे है कि वह स्कूल के सभी नियमों का पालन करेगी और उसके आने से स्कूल को कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि वह पूर्व से ही कक्षा की नियमित छात्रा है इसलिए उसे इस तरह से स्कूल से नहीं निकाला जाना चाहिए , छात्रा आगे पढ़ने चाहती है लेकिन विद्यालय प्रशासन उसे कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दे रहा है जब स्कूल से इस नियम को जिसके तहत छात्रा को स्कूल में रेगुलर पढने की अनुमति नहीं देने की बात कही जा रही है को दिखाने को कहा गया तो स्कूल नियम भी नहीं दिखा रहा है | 

इस संदर्भ में जब स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि छात्रा के परिजन कन्याधन स्कीम के लिए छात्रा की स्कूल में पढ़ाई जारी रखने की बात कह रहे है इसमें पुनः प्रवेश की बात ही नहीं है शादी के बाद छात्रा को स्कूल में प्रवेश देने का नियम नहीं है अगर उच्च अधिकारियों से अनुमति मिल जाती है तो उक्त छात्रा को प्रवेश दे दिया जायेगा | इस सम्बन्ध में CEO अल्मोड़ा ने कहा कि इस सम्बन्ध में उन्हें किसी नियम की जानकारी नहीं है वे अपने उच्च अधिकारियो से निर्देश लेकर ही मामले पर कोई कार्यवाही कर सकेंगे | 


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