उत्तराखंड के आग झुलसते जंगलों को बचाने के लिए काउंटर फायर तकनीक का लें सहारा
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
सब कुछ विभाग पर ना छोड़ें, गांव के लोग भी समझे अपनी जिम्मेदारी
जंगलों को आग से बचाएं |
उत्तराखंड के जंगलों की आग अब भयानक रूप लेती जा रही है और हवा दम घोंटने लगी है, सरकार और वन विभाग अपनी पूरी कोशिशों में जुटे है लेकिन जितनी जल्दी गांववासी और समुदाय के लोग इस आग से निपटने के लिए आगे आएंगे उतना ही कम नुक्सान जंगलों को होगा , लोगों को ये समझना होगा कि जंगल के बिना पहाड़ का कोई महत्व नहीं है एक पेड़ जो आग में जल कर दो घंटे में खत्म हो जायेगा उसे बड़ा होने में कई वर्ष लगे है और इस पेड़ ने आपको ठंडी हवा के साथ साथ बारिश भी करवाने में सहायता की है ये पेड़ ही है जो आपको पुरे वर्ष पशुओं के लिए चारा पत्ती और स्वंय रोजगार उपलब्ध करवाते है , ये जंगल ही है जिनके कारण उत्तराखण्ड में टूरिज़्म फलफुलता है ये जंगल ही है जिनके कारण दूसरे प्रदेश के लोग उत्तराखंड आने पर ग्रीन टैक्स देंगे , इसलिए आम लोगों को भी इस जंगल की आग को बुझाने के लिए आगे आना चाहिए |
वन विभाग की सहायता करें और इन पारम्परिक तरीकों से आप भी जंगल की आग को रोक सकते है इन तरीकों का उपयोग ना केवल भारत में वन विभाग करता है बल्कि विश्व के कई अन्य देशों में भी इन तरीकों से आग बुझाई जाती है -
१-काउंटर फायर तकनीक -उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए इस तकनीक का उपयोग सबसे अधिक होता है इस तरीके में आग के सामने जवाबी आग लगाई जाती है जैसे मान लिया जाया कि उत्तर से दक्षिण दिशा में आग फैलती जा रही है तो काउंटर फायर के लिए दक्षिण दिशा से आग लगाई जाती है और इस लगाई गयी आग के पीछे एक रेखा खींच दी जाती है इस रेखा से पीछे थोड़ी दूर तक सभी प्रकार का ईंधन जैसे लकड़ी ,पत्ते साफ़ कर दिए जाते है जिससे आग पीछे की तरफ ना फैले , जवाबी आग सभी प्रकार के ईंधन को जला देती है जिससे सामने से आने वाली आग को कोई ईंधन नही मिलता और वो खुद ही बुझ जाती है |
२-पत्थर की दीवार- पत्थर की दीवार बनाकर भी जंगल की आग को रोका जा सकता है लेकिन ये दीवार केवल सतही या जमीनी आग को फैलने से रोकती है सतही आग वह होती है जो जमीन पर पड़े सूखे पत्ते और लकड़ी को जलाते हुए आगे बढ़ती है इसमें मिटटी के अंदर एक लम्बी सी पत्थरों की दीवार बनाई जाती है जिसके आस पास से सूखे पत्ते और ईंधन को साफ़ कर दिया जाता है आग इसके पास आकर रुक जाती है क्योंकि उसे आगे बढ़ने के लिए ईंधन नहीं मिल पाता है |
YOU MAY ALSO LIKE IT-
- मारे गए शिक्षक की पत्नी को मिलेगी मूल वेतन के बराबर पेंशन सरकार के दिया आदेश
- उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल ने गाड़े सफलता के झंडे
- भारतीय मेधा प्रज्ञा को छात्रवृति देने के लिए छ: सबसे बड़े अमेरिकी विश्ववद्यालयों में लगी होड़
- प्रधानाध्यापिका डकार गयी MDM का 1000 किलोग्राम चावल
- उत्तराखंड के 640 से अधिक से विद्यालयों में छात्र संख्या शून्य , सरकार करेगी इन्हे बंद
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.