उत्तराखंड में कला वर्ग के छात्रों से करवा दिए साइंस वर्ग के कोर्स ,हाई कोर्ट से भी राहत नहीं

उत्तराखंड फार्मेसी कौंसिल नहीं दे रहा है पंजीकरण

हाई कोर्ट से भी राहत नहीं 

 उत्तराखंड के निजी कॉलेज के लालच की बलि चढ़ गए कई छात्रों के भविष्य , उत्तराखंड में निजी कॉलेज ने एडमिशन के लालच में आकर कई कला वर्ग के छात्रों को विज्ञान वर्ग के कोर्स करा दिए है ,कोर्स के उपरांत जब इन छात्रों ने उत्तराखंड फार्मेसी कौंसिल से पंजीकरण करवाना चाहा तो मामला उजागर हुआ क्योंकि कौंसिल ने नियमों का हवाला देते हुए पंजीकरण से मना कर दिया है | 

उत्तराखंड राज्य में डिप्लोमा इन फार्मेसी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए इंटरमीडिएट लेवल पर विज्ञान वर्ग होना अनिवार्य है | इंटरमीडिएट में फिजिक्स , केमिस्ट्री ,बायोलॉजी के साथ साथ फिजिक्स , केमिस्ट्री और गणित के छात्र भी इस डी फार्मा के कोर्स में प्रवेश ले सकते है ,लेकिन इन निजी कॉलेज ने इंटरमीडिएट में कला वर्ग से उत्तीर्ण छात्रों को भी डिप्लोमा इन फार्मेसी के पाठ्यक्रम में प्रवेश दे दिया है | जानकारी के अभाव में इन छात्रों ने भी ये कोर्स पूरा कर लिया है | नौकरी के लिए आवेदन करने से पूर्व इन्हे उत्तराखंड फार्मेसी कौंसिल से पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है लेकिन नियमों के विपरीत जाकर कौंसिल ने इन्हे पंजीकृत करने से मना कर दिया इसके बाद इनमे से दो छात्र हाई कोर्ट पहुंचे तो कोर्ट ने भी इन्हे किसी प्रकार की राहत नहीं दी है , अब इन छात्रों के भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है क्योंकि नियमतः ये पाठ्यक्रम केवल विज्ञान वर्ग के लिए ही होते है अतः अब इन छात्रों के इस डिप्लोमा इन फार्मेसी पाठ्यक्रम के पूर्ण होने या न होने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है 

किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से पूर्व उसका प्रॉस्पेक्टस पढ़े पूरी जानकारी ले , इंटरनेट पर जाकर उससे सम्बंधित कौंसिल या ऑथोरिटी से संपर्क करें , संतुष्ट होने के बाद ही किसी कोर्स में प्रवेश ले | 


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