सरकारी सेवा में पति पत्नी की एक ही स्थान पर तैनाती के सम्बन्ध में हाईकोर्ट की टिप्पणी
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
लखनऊ उच्च न्यायालय की टिप्पणी बनेगी उदाहरण
एक ही स्थान पर तैनाती के सम्बन्ध में हाईकोर्ट की टिप्पणी |
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले हफ्ते अपने एक अहम् फैसले में सरकारी सेवा में कार्यरत पति पत्नी की एक ही स्थान पर तैनाती के सम्बन्ध में 36 से अधिक याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए एक अहम् निर्णय देते हुए आने वाले भविष्य के लिए भी एक उदाहरण सेट किया है माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि किसी सरकारी विभाग में पति और पत्नी दोनों कार्यरत है तो उनके एक ही स्थान पर ट्रांसफर या तैनाती पर विचार किया जा सकता है लेकिन किसी भी परिस्थिति में ये उनका अपरिहार्य अधिकार नहीं है बल्कि ये तैनाती केवल तभी संभव है जब इस कार्य से किसी भी प्रकार से प्रशासनिक आवश्यकताओं या व्यवस्थाओं में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो रही है इस प्रकार से माननीय हाई कोर्ट ने सरकारी सेवा में कार्यरत पति पत्नी की एक ही स्थान पर तैनाती को उनका अधिकार मानने से साफ़ साफ़ इंकार कर दिया है बल्कि इसे सरकारी मशीनरी की व्यवस्थाओं से जोड़कर प्रशासनिक कार्यों को अधिक महत्व दिया है |
एक साथ 36 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ये बात कही जबकि याचियों का तर्क था कि उनके जीवनसाथी राष्ट्रीयकृत बैंकों ,LIC , बिजली वितरण निगम, BHEL और इण्टर कॉलेज में तैनात है | माननीय हाई कोर्ट का ये फैसला पुरे देश के लिए सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मियों जिनके जीवन साथी भी उसी प्रदेश में या विभाग में सरकारी सेवाओं में कार्यरत है के लिए एक उद्धरण बनेगा, अब केवल मानवीय आधार पर ही इस प्रकार से ट्रांसफर या तैनाती को बल मिल सकेगा न की किसी प्रकार के अधिकार के रूप में |
YOU MAY ALSO LIKE IT
- अब दून स्कूल में भी होंगे बालिकाओं के एडमिशन
- एक राष्ट्र एक विद्यार्थी कार्ड- अपार आई डी
- उत्तराखंड स्थानीय निकाय चुनाव ड्यूटी को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ और राज्य प्रशासन आमने सामने
- मोटिफिकेशन एप्लीकशन -2250 शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता खुलेगा जल्दी ही
- उत्तरकाशी के अटल उत्कृष्ट स्कूल में शिक्षा महानिदेशक का औचक निरीक्षण
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.