महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छुट्टी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने दिया ये जवाब

कार्मिक,विधि और न्याय विभाग से सम्बंधित संसदीय समिति ने की थी सिफारिश

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छुट्टी 

कार्मिक,लोक शिकायत ,विधि और न्याय विभाग से सम्बंधित एक संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कार्मिक मंत्रालय को हितधारकों से मंत्रणा करके कार्मिक महिलाओं हेतु एक मासिक धर्म अवकाश नीति बनाने की सिफारिश की थी जिसमे उस समय में परेशानियों का सामना करने वाली महिलाओं को सामान्य अवकाश पर रहने की अनुमति देने की बात कही गयी थी | 

इससे सम्बंधित मुद्दे पर आज संसद में केंद्र सरकार ने जवाब दिया है जब एक समिति ने मासिक धर्म अवकाश पर अपनी रिपोर्ट रखी | कार्मिक मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि महिला सरकारी कार्मिकों के लिए विशेष दृष्टि से मासिक धर्म अवकाश एक स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दा है और इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्रालय सबसे बेहतर तरीके से विचार विमर्श कर सिफारिश कर सकता है | संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म के समय में अधिकतर महिलाओं को कमजोरी या शरीर में थकावट जैसी स्वास्थ्य समस्याएं रहती है जिसके कारण वो अपनी पूरी शारीरिक और मानसिक क्षमता व दक्षता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर पाती है इसलिए उन्हें प्रति माह या प्रति वर्ष में कुछ दिनों के लिए मासिक धर्म अवकाश या सिक लीव या अस्वस्थता अवकाश प्रदान किया जाना चाहिए क्योंकि ये न केवल नैतिकता है बल्कि मानवीयता भी है लेकिन इसके लिए अपरिहार्य स्थिति से बचते हुए उन महिलाओं से किसी भी प्रकार का चिकित्सा प्रमाणपत्र या छुट्टी लेने का कारण न पूछा जाएं, इससे पूर्व भी संसद में श्री शशि थुरूर के एक प्रश्न के उत्तर में सांसद श्रीमति स्मृति ईरानी  ने कहा कि अभी सरकार के पास मासिक धर्म के अवकाश के प्रावधान को अनिवार्य बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है |

 

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