इजराइल का मुख्य धर्म यहूदी कितना अलग है हिन्दू धर्म से
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पढ़े- यहूदी कैसे करते है पूजा पाठ
यहूदी धर्म के प्रमुख ग्रंथ तनाख होते हैं, जिनमें तोराह (तौरात) नामक पांच पुस्तकें शामिल हैं। इन पुस्तकों में यहूदी धर्म के मौलिक धार्मिक और नैतिक नियमों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
यहूदी धर्म की अहम प्रतीक्ता अब्राहम के साथ जुड़ी हुई है, जो एक पूराणिक व्यक्ति थे और यहूदी धर्म के प्रमुख पिता माने जाते हैं। तोराह में अब्राहम, इसहाक, और याकूब के जीवन के कई घटनाएं और उनके आचरणों का वर्णन होता है।
यहूदी धर्म में पूजा का तरीका हिन्दू धर्म और कुछ अन्य धर्मों की तरह नहीं होता है, और इसमें देवता की मूर्ति पूजा नहीं होती है। यहूदी धर्म की पूजा का मूल उद्देश्य ईश्वर के प्रति भक्ति और आभार व्यक्त करना होता है।
यहूदी पूजा के कुछ मुख्य प्राथमिक तत्व हैं:
तफिलीन (Tefillin): यहूदी पुरुष अक्षरियों में तफिलीन का प्रयोग करते हैं। तफिलीन एक प्रकार की बँड या बॉक्स होते हैं जिनमें यहूदी पुराणिक ग्रंथों से चुने गए पासेज लिखे होते हैं। इसे पुरुष अपने बाहु के कुछ खास हिस्सों पर बांधते हैं और इसके साथ ध्यान और प्रार्थना करते हैं।
यहूदी धर्म में पूजा कैसे होती है
सिदूर (Siddur): सिदूर एक प्रकार की पूजा किताब होती है, जिसमें प्रार्थनाएँ, मंत्र, और धार्मिक गाने शामिल होते हैं। यह पूजा के समय पाठ किए जाते हैं और आराधना की जाती है.
सिनगोग (Synagogue): सिनगोग यहूदी धर्म के आधारिक धार्मिक स्थल होते हैं, जो समुदाय के सभी सदस्यों के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक पूजा के लिए उपयोग किए जाते हैं। सिनगोग में तोराह की उपदेश की जाती है और पूजा की जाती है.
सब्बाथ (Shabbat) की पूजा: यह यहूदी साप्ताहिक अवकाश होता है और सिनगोग में शनिवार को विशेष रूप से पूजा और आराधना की जाती है।
यहूदी पूजा का मुख्य फोकस ईश्वर के प्रति भक्ति, आभार, और धार्मिक गुणों के साथ जीवन के मूल्यों का पालन करने पर होता है, और इसमें आचरणों और प्राथमिकताओं का मान्यता देना शामिल होता है।
यहूदी धर्म और हिन्दू धर्म दो अलग धर्म संवाद हैं और वे कई मामूली और महत्वपूर्ण तरीकों से अलग हैं:
धार्मिक प्रमुखताएं:
- यहूदी धर्म एक अद्वितीय अब्राहमी धर्म है जो एक ईश्वर की मोनोथेइस्टिक विश्वास को प्रमोट करता है. यहूदी लोग अपने परंपरागत पौराणिक ग्रंथों, जैसे कि तनाख, के पालन करते हैं.
- हिन्दू धर्म एक पोलीथेइस्टिक धर्म है, जिसमें बहुत सारे देवता और देवियां होती हैं, और विभिन्न पंथ और आचार्यों के अनुसार भक्ति की जाती है. हिन्दू ग्रंथ, जैसे कि वेद, उपनिषद, भगवद गीता, और रामायण, महत्वपूर्ण हैं.
देवता और ज्ञान:
- यहूदी धर्म में एक एकमात्र ईश्वर का विश्वास है, जबकि हिन्दू धर्म में अनेक देवताओं और देवियों का उपासना किया जाता है.
- यहूदी धर्म में ज्ञान और शिक्षा का महत्व ज्यादा है, जबकि हिन्दू धर्म में ध्यान, तपस्या, और भक्ति का महत्व होता है.
आचार्य और आचार्या:
- यहूदी धर्म में आचार्य और आचार्या की गणना नहीं होती है, जबकि हिन्दू धर्म में गुरु और आचार्य का महत्व होता है.
पूजा और आराधना:
- यहूदी धर्म में यज्ञ और मंदिर जाने की परंपरा नहीं होती, जबकि हिन्दू धर्म में देवताओं की पूजा, आराधना, और यज्ञ का महत्व होता है.
प्रतिदिन की जीवनशैली:
- यहूदी धर्म की जीवनशैली में कई मित्टी के नियमों का पालन किया जाता है, जैसे कि कोषर खाने का, शब्बत का पूजा, और ब्रित मिलाह (सुनत करना).
- हिन्दू धर्म में जीवनशैली क्षेत्रवादी हो सकती है और विभिन्न पंथों के अनुसार भिन्न-भिन्न आचरण और परंपराएँ हो सकती हैं.
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