वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

उत्तराखण्ड देश का दूसरा राज्य बनेगा ,जहाँ MBBS की पढ़ाई होगी हिंदी में

अब हिंदी माध्यम से करें MBBS की पढ़ाई 

हिंदी माध्यम से  MBBS  

उत्तराखण्ड के चारो मेडिकल कॉलेजेस में MBBS की पढ़ाई का माध्यम अब अंग्रेजी के साथ साथ हिन्दी भी बनेगा और उत्तराखंड भारत वर्ष का मात्र दूसरा ऐसा राज्य होगा जहाँ पर MBBS की पढ़ाई हिन्दी में भी होगी , अब तक मध्य प्रदेश ही एकमात्र हिंदी माध्यम में MBBS की डिग्री देना वाला राज्य था | इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने दो सदस्य वाली समिति भी गठित कर दी है | भारत में MBBS (बैचलर ऑफ मेडिसिन और सर्जरी) की पढ़ाई का पहला पूरा कोर्स 1956 में शुरू हुआ था, जब सरकार ने Medical Council of India (MCI) की स्थापना की और MBBS की पढ़ाई को मान्यता दी. इससे पहले, भारत में चिकित्सा की पढ़ाई कई अलग-अलग प्रकार की संस्थाओं और महाविद्यालयों में की जाती थी, और अलग-अलग राज्यों में विभिन्न अध्याय थे.

उत्तराखंड प्रदेश में इस सत्र के लिए MBBS की पढ़ाई हिन्दी में करने के लिए छात्रों को मध्य प्रदेश का पाठ्यक्रम ही पढ़या जाएगा क्योंकि इतने कम समय में नए प्रकाशक पुस्तकें उपलब्ध नहीं करा सकते है लेकिन अगले सत्र से उत्तराखंड को नए प्रकाशकों की MBBS हिंदी माध्यम की पुस्तकें उपलब्ध हो सकेंगी , प्रदेश सरकार की तरफ से रेडिओलॉजी विभाग के HOD मध्य प्रदेश गए थे वहां उन्होंने हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले छात्रों से और हिंन्दी माध्यम में पढ़ाने वाले शिक्षकों से उनका फीडबैक भी लिया जो बहुत सकारात्मक रहा जिसके बाद अब उत्तराखंड सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ाने को तैयार है | हिंदी भाषा में MBBS का कोर्स कराने के लिए शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा इसके साथ साथ छात्रों को परीक्षा में प्रश्नो का उत्तर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में देने की छूट भी दी जाएगी , सामान्यतः MBBS का कोर्स करने वाले छात्रों में 40 प्रतिशत से अधिक छात्र हिंदी माध्यम के होते है जिन्हे अंग्रेजी में प्रश्नो के उत्तर देने में कठिनाई होती है लेकिन अब उत्तराखंड सरकार की इस पहल के बाद हिन्दी माध्यम में भी डॉक्टरी की पढ़ाई सम्भव हो सकेगी | 


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