स्कूलों की पंजिका में छात्रों के नाम के सामने उनकी सामाजिक पृष्टभूमि ना लिखें ?
मुख्य विकास अधिकारी ने दिए निर्देश
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SCHOOL EDUCATION |
अभी हाल ही में पिछले हफ्ते मुख्य विकास अधिकारी ने चम्बा में स्थित एक बालिका राजकीय इण्टर कॉलेज का औचक निरीक्षण किया तो उन्होंने एक बहुत महत्वपूर्ण तथ्य को सामने रखा, जहाँ पर सामाजिक भेदभाव होने की सम्भावना हमेशा बनी रहती है, मुख्य विकास अधिकारी जी ने यहाँ तक कहा कि ऐसा करने के लिए कोई शासनादेश भी आजतक जारी नहीं किया गया है , बल्कि अनजाने में ही ये एक परम्परा बना दी गयी है जिसे नितांत रूप से परिवर्तित करना चाहिए क्योंकि इससे सामाजिक भेदभाव परिलक्षित होता है |
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15: इसमें यह व्यवस्था की गई है कि राज्य किसी नागरिक के प्रति केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान को लेकर विभेद नहीं करेगा और जातिगत भेदभाव उत्पन होने की परिस्थितयों को भी नियंत्रित करेगा । उन्होंने सख्त शब्दों में कहा कि छात्र उपस्थिति पंजिका में किसी छात्र अथवा छात्रा के नाम के सम्मुख उसके धर्म ,उसकी जाति और सम्प्रदाय या सामाजिक पृष्टभूमि सम्बन्धी कोई भी जानकारी या सूचना अंकित नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इससे उसके साथ सामाजिक भेदभाव होने का खतरा बना रहता है और इस सन्दर्भ में ऐसा करने के लिए कोई विभागीय आदेश या शासनादेश भी विद्यमान नहीं है , ये अंकना सामाजिक न्याय के भी अनुकूल नहीं है इससे जातिगत भेदभाव उत्पन्न हो सकता है यहाँ तक की ये अंकन संविधानिक दृष्टि से सभी गलत है भविष्य में इसका विशेष ध्यान रखा जाये | मुख्य विकास अधिकारी ने कहा की यदि ये अंकना दोहराई जाएगी तो सम्बंधित प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी , इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जो खामियां स्कूल के स्तर पर सुधारी जा सकती है उन्हें तत्काल सुधारा जाये जिनके सम्बन्ध में ब्लॉक जनपद या राज्य की सहायता आवश्यक हो उनके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए |
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