जानें एथेनॉल से गाड़ी चलाने के फायदे
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कैसे बनेगा एथेनॉल पैट्रोल का विकल्प
केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी 29 अगस्त 2023 को भारत में पूरी तरह से एथेनॉल से चलने वाली कार को लांच करने जा रहे है , यदि सब कुछ ठीक रहा तो एथेनॉल से चलने वाली ये कार बहुत जल्द पेट्रोल से चलने वाली कारों को बाजार से बाहर कर देगी , एथेनॉल की कीमत जहाँ 65 रुपये प्रति लीटर है तो पैट्रोल की कीमत 98 रूपये प्रति लीटर के आस पास है यानि एथेनॉल पैट्रोल से कहीं अधिक सस्ता है |
एथेनॉल से चलने वाली कार का इंजिन पेट्रोल से चलने वाली कार के इंजिन की तुलना में काफी देर से हीट पैदा करता है जिससे इंजिन की उम्र भी बढ़ती है और कार का एवरेज भी बढ़ता है क्योंकि एथेनॉल में अल्कोहल होता है जो हवा के संपर्क में आते ही तुरंत उड़ जाता है , एथेनॉल बेसिक रूप से गन्ने का उत्पाद है जो स्टार्च व शुगर के फर्मेंटेशन से बनता है इसे एक प्रकार से अल्कोहल जैसा भी कहा जा सकता है , इस एथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाकर इकोफ्रेंडली ईंधन की तरह से उपयोग किया जाता है , गन्ने के अतिरिक्त एथेनॉल सड़े गले आलू ,मक्का और सड़ी हुई सब्जियों से भी तैयार किया जा सकता है |
एथेनॉल को पैट्रोल के रूप में उपयोग करने से निम्न लाभ है -
एथेनॉल को पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयोग करने के कई लाभ हो सकते हैं:
कम पादार्थिक प्रदूषण: एथेनॉल के उपयोग से पेट्रोल की तुलना में कम पादार्थिक प्रदूषण होता है। यह उपाय पेट्रोल उत्पादन में कार्बन और अन्य वायुमंडलीय गैसों की छूट कम करने में मदद कर सकता है।
कम ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव: एथेनॉल के उपयोग से पेट्रोल के मुकाबले कम ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव हो सकता है, क्योंकि यह कम कार्बन उत्पन्न करता है।
उर्जा सुरक्षा: एथेनॉल बिजली उत्पादन में भी उपयोग किया जा सकता है और यह उर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को स्थायित करना: एथेनॉल के निर्माण और उपयोग से स्थानीय स्तर पर रोजगार और अर्थव्यवस्था को स्थायित करने में मदद हो सकती है।
पेट्रोल की आपूर्ति में स्वायत्तता: एथेनॉल का उपयोग पेट्रोल की आपूर्ति में स्वायत्तता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह खाद्य पदार्थों से बनाया जा सकता है जिनकी उत्पादन पर विश्वासनीय प्रभाव नहीं पड़ता।
कार प्रदूषण में कमी: एथेनॉल पेट्रोल में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है, जिससे कारों के प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
गाड़ियों में बेहतर परिणाम: एथेनॉल पेट्रोल में मिलाकर इंजन के प्रदर्शन में बेहतरी प्रदान कर सकता है, जिससे गाड़ियों की माइलेज और प्रदर्शन में सुधार हो सकता है|
एथेनॉल को पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयोग करने के कुछ चुनौतियां हो सकती है:
मिश्रण अनुकूलन: एथेनॉल और पेट्रोल का मिश्रण बनाने में सही अनुपात की जरूरत होती है। यदि अनुपात सही नहीं हो, तो इंजन की प्रदर्शन में परेशानियाँ हो सकती हैं, जैसे कि गाड़ी की माइलेज में कमी और तंत्रिक समस्याएँ।
खाद्य सुरक्षा: एथेनॉल आमतौर पर खाद्य फसलों से बनाया जाता है, जिससे उसकी खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है। अगर एथेनॉल का बड़ा मात्रा में पेट्रोल में मिश्रण किया जाए, तो खाद्य उत्पादक्ता क्षेत्र पर असर पड़ सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और उपायर्यों की स्वायत्तता: एथेनॉल या एथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण का उपयोग करने के लिए उपायर्यों में बदलाव की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि इंजनों की संशोधन, पंप और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाओं का सुधार, आदि।
उत्पादन और आपूर्ति: एथेनॉल की उत्पादन और आपूर्ति को सुनिश्चित करना भी एक चुनौती हो सकती है। अगर उत्पादन प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधाएँ होती हैं, तो यह पेट्रोल की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है।
इंजन संशोधन: एथेनॉल या एथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण का उपयोग करने के लिए इंजनों में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है। यह संशोधन उपयोगकर्ताओं के लिए नए सुविधाओं को अनुकूलित करने की आवश्यकता पैदा कर सकता है।
माइलेज और प्रदर्शन: एथेनॉल मिलाने से गाड़ियों की माइलेज और प्रदर्शन में बदलाव हो सकता है। कुछ वाहनों में एथेनॉल का उपयोग करने से माइलेज में कमी हो सकती है।
संयंत्र और तंत्रिक सुविधाएँ: एथेनॉल का उपयोग करने के लिए नए संयंत्र और तंत्रिक सुविधाएँ की आवश्यकता हो सकती है, जो कि उपयोगकर्ताओं और उत्पादकों के लिए नवाचार सिद्ध कर सकती है|
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