वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

बोर्ड परीक्षाएं अब वर्ष में दो बार होंगी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 

BOARD EXAM

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज स्कूली शिक्षा को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत एक नया आदेश जारी किया है जिसका सीधा सम्बन्ध छात्रों की बोर्ड परीक्षा से है ,अब तक वर्ष में एक बार ही कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं होती थी जिसमे छात्रों को मानक के अनुसार अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण होना आवश्यक होता था | 

 केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज इसमें एक बड़ा परिवर्तन करते हुए कहा कि अब वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं होंगी और छात्र  को ये छूट दी गयी है कि जिस बोर्ड परीक्षा में वह अधिक अंक प्राप्त करता है उसी परीक्षा को उस छात्र की फाइनल परीक्षा माना जायेगा यानि दूसरे शब्दों में कहे तो बेस्ट ऑफ़ टू का नियम लगाया जायेगा, शिक्षा मंत्रालय इस नए एग्जाम पैटर्न पर बोर्ड परीक्षा कराकर छात्रों की विषय के प्रति समझ और प्रतियोगिता उपलब्धियों का प्रत्येक वर्ष मूल्यांकन करेगा और भविष्य में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे | 

कक्षा 11-12 के लिए स्ट्रीम चुनने की बाध्यता खत्म-

श्री के.कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक बनी एक पाठ्यक्रम समिति ने नए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए एक  पाठ्यक्रम तैयार कर समिति ने इसे सरकार को सौंप दिया था जिसे अब सरकार ने NCERT को सौंप दिया है ,जिसके लिए अब कक्षा 11 और 12 के लिए अब स्ट्रीम चुनने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है और छात्रों को अपनी पसंद के विषय चुनने की छूट होगी ,साथ साथ छात्र को अनिवार्य रूप से दो भाषाओँ को भी चुनना पड़ेगा जिनमे से एक भाषा अनिवार्य रूप से भारतीय होनी चाहिए , 2024 के लिए पाठय पुस्तकों में व्यापक बदलाव भी किये जा सकते है, नए सिरे से पाठय पुस्तके विकसित की जाएँगी , अभी वर्तमान में सभी बोर्ड के पाठ्यक्रम में छात्र को कला वर्ग , गणित वर्ग या मेडिकल वर्ग,कॉमर्स और वोकेशनल आदि में से किसी एक चुनना पड़ता है | 

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