उत्तराखण्ड में अगले हफ्ते से लागू हो सकता है समान नागरिक संहिता कानून
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उत्तराखंड बनेगा पहला राज्य यूनिफॉर्म सिविल कोड
उत्तराखंड बनेगा पहला राज्य |
उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन सकता है जो सबसे पहले अपने यहाँ समान नागरिक संहिता कानून (UCC) लागू करने जा रहा है इसके साथ साथ गुजरात में भी समान नागरिक संहिता कानून लागू होने के अंतिम चरण में है, समान नागरिक संहिता का अर्थ होता है कि भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का होना , चाहें वो किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो | इसके लागू हो जाने से सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू किया जा सकेगा | शादी,तलाक,जमीन जायदाद के बंटवारें में सभी धर्मों के लिए एक प्रकार का कानून ही लागू होगा | समान नागरिक संहिता कानून(UCC) का अर्थ है एक निष्पक्ष कानून का होना जिसका किसी धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं हो | समान नागरिक संहिता कानून(UCC) का उदेश्य कानूनों का समान सेट प्रदान करना है जो सभी लोगों पर एक समान रूप से लागू हो |
कुछ महीनों पूर्व उत्तराखंड सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में समान नागरिक संहिता कानून बनाने के बारे में सुझाव देने के लिए एक समिति गठित की थी जिसका कार्यकाल अब तक तीन बार बढ़ाया जा चुका है ,इस समिति को लगभग 20 लाख लोगों के सुझाव मिले थे इस कमिटी ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी सुझाव मांगे थे , इस समिति ने अपनी रिपोर्ट या ड्राफ्ट तैयार कर ली है अब इसके ड्राफ्ट को अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री जी उत्तराखण्ड को सौंपा जा सकता है इसके ड्राफ्ट में उत्तराखंड राज्य में गोद लेने,तलाक लेने,विरासत सम्बन्धी कानून और विवाह के साथ साथ लिव इन के संबंधों के बारे में भी एक जैसा कानून पूरे राज्य में सभी के लिए लागू करना है वो चाहे किसी भी धर्म से सम्बंधित क्यों न हो, लिव इन रिलेशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी अनिवार्य बनाने की बात इसमें कही गयी है | सनद रहे की उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भी समान नागरिक संहिता कानून (UCC) को लागू करने की बात कही थी अब 2024 के चुनाव से पूर्व इसे अमलीजामा पहनाया जा सकता है |
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