स्कूलों में पढ़ाई के घण्टे बदलेंगे , महीने के दो शनिवार में होगी आधी छुट्टी
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साल के दस दिन बिना बैग के आएंगे बच्चें
स्कूलों में पढ़ाई के घण्टे बदलेंगे
नई शिक्षा नीति ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बड़े परिवर्तन किये है धीरे धीरे सभी राज्य नई शिक्षा नीति को उसके महत्व के कारण आत्मसात करते जा रहे है ,कई राज्यों ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क(एनसीएफ)के अंतर्गत स्कूलों का पाठ्यक्रम और स्कूलों में पढ़ाई के लिए नई नियमावली तैयार करने के निर्देश भी दिए है, भारत वर्ष के सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तराखंड के पड़ौसी राज्य उत्तर प्रदेश ने हाल ही में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क(एनसीएफ)के अंतर्गत स्कूलों में पढ़ाई की नई व्यवस्था बनाने के लिए बड़े परिवर्तन के आदेश दिए है, अब प्रश्न ये बनता है कि क्या इसके बाद उत्तराखंड पर भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यालयी शिक्षा में परिवर्तन करने का दबाव बनेगा ?
नई शिक्षा नीति के द्वारा नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क(एनसीएफ)के अंतर्गत इस नई शिक्षा व्यवस्था में छात्रों को वर्ष के दस दिन बिना बैग के विद्यालय में आना होगा ,इस दिन खेलकूद के साथ मौखिक प्रश्नोत्तरी, खेल खेल में सीखों और प्रयोगात्मक कार्यों के द्वारा सीखों जैसी मनोरंजक गतिविधियों के द्वारा छात्रों को सिखाया जायेगा, हर महीने के दो शनिवार को आधे दिन की छुट्टी रहेगी शेष आधे दिन में अढ़ाई घंटे ही कक्षा ही चलेगी , इसका उदेश्य छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करना है | नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पढाई के विषयों को भी दो वर्गों में बांटकर कक्षा संचालित करने के संकेत दिए गए है जिसमे गणित ,हिन्दी व्याकरण,अंग्रेजी और अंग्रेजी व्याकरण और विज्ञान को मुख्य विषय मानते हुए इनके वादन का समय शेष विषयों से 05 से 10 मिनट अधिक रखा गया है , इसका अर्थ ये है कि इन विषयों की कक्षाएं 50 मिनट तक चलेगी जबकि सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक साढ़े पांच घंटे की कक्षाएं संचालित होंगी | नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यालयों में सप्ताह में 29 घंटे की समय अवधि तक कक्षाएं संचालित करने का प्रस्ताव किया गया है |
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