वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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एक देश एक चुनाव- क्या है चुनौतियां

वन नेशन, वन इलेक्शन - नया भारत 

एक देश एक चुनाव

एक देश एक चुनाव विश्व के लिए कोई नया विचार नहीं है आज तक विश्व के तीन देश दक्षिण अफ्रीका , स्वीडन और बेल्जियम एक देश एक चुनाव की पद्धति का बिना किसी अवरोध या परेशानी के पालन कर रहे है यक़ीनन एक सुदृढ़ और समृद्ध लोकतंत्र के लिए एक देश एक चुनाव का चयन करना लोकतंत्र की महंगी चुनाव प्रणाली का बेहतर विकल्प है, भारत सरकार ने एक देश एक चुनाव पर परामर्श और संभावनाएं को लेकर आज तक तीन समितियां संसद की स्थायी समिति , विधि आयोग ,और नीति आयोग का गठन किया है ,वर्तमान में एक देश एक चुनाव को लेकर चौथी समिति कोविंद समिति का गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविंद जी होंगे , श्री रामनाथ कोविंद जी एक विधिवेत्ता भी है,उनका राष्ट्रपति का बेदाग कार्यकाल उनकी कार्यशैली का प्रमाण भी है उनकी अध्यक्षता में बनी समिति सरकार की एक देश एक चुनाव को लेकर गंभीरता को दिखाती है | 

"एक देश,एक चुनाव" लोकतंत्र में चुनौतियां-

"एक देश, एक चुनाव" लोकतंत्र की कुछ चुनौतियां हो सकती हैं:

  1. विविधता की कमी: एक देश, एक चुनाव प्रणाली के तहत, सरकारों के चयन में विविधता की कमी हो सकती है। इसका मतलब है कि विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के विचारों और प्राथमिकताओं को उचित रूप से प्रतिनिधित करने का मौका नहीं मिलता है, क्योंकि सभी चुनाव एक ही समय पर होते हैं।

  2. चुनावी लागत: एक ही समय पर होने वाले चुनाव की लागत अधिक हो सकती है, क्योंकि इसमें बहुमत जीतने वाली पार्टियों और उम्मीदवारों को समर्थन जुटाने के लिए अधिक पैसे और संसाधनों की आवश्यकता होती है।

  3. वोट के बिकाऊपन की संभावना: एक ही समय पर होने वाले चुनाव में, वोट के बिकाऊपन की संभावना बढ़ सकती है, क्योंकि अधिक धन और संसाधन आवश्यक होते हैं ताकि उम्मीदवार और पार्टियां अपने संदेश को लोगों तक पहुंचा सकें।

  4. एक देश एक चुनाव
    संवैधानिक और सामर्थ्य की चुनौती: कुछ देशों में एक देश, एक चुनाव प्रणाली को संविदानिक और सामर्थ्य की चुनौती हो सकती है, क्योंकि वे राज्यों और क्षेत्रों के अपने चुनावी प्रक्रियाओं और सिस्टमों को बदलने की कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।


  5. नोटा वोटरों की संख्या: एक देश, एक चुनाव प्रणाली के तहत, वोट करने की सामर्थ्य नहीं रखने वाले नोटा वोटरों की संख्या बड़ सकती है, क्योंकि वे चुनाव में शामिल होने के लिए अपने प्रतिष्ठान को खो सकते हैं।

इन चुनौतियों के बावजूद, यह भी सच है कि "एक देश, एक चुनाव" प्रणाली कई देशों में सफलता से प्रयोग हो रही है, और इसकी महत्वपूर्ण लाभ भी हैं, जैसे कि वोटरों को सरलता, सामर्थ्य, और सुविधा प्रदान करना। इसके साथ ही, इस प्रणाली को सुनिश्चित रूप से योजना बनाने, सुधार करने और सशक्तिकरण के साथ लागू करने की आवश्यकता होती है ताकि यह लोकतंत्रिक दृष्टिकोण के साथ काम कर सके।

एक देश एक चुनाव की उपयोगिता -

"एक देश, एक चुनाव" लोकतंत्र के सिद्धांत का मतलब होता है कि एक देश में सभी स्तरों के चुनाव (राष्ट्रीय, राज्य, और स्थानीय) एक ही समय पर आयोजित किए जाते हैं, जिससे वोटर्स को सभी स्तरों पर नेता और सरकार का चयन करने का मौका मिलता है। इस प्रणाली की उपयोगिता कई तरीकों से हो सकती है

  1. सरलता और सुविधा: "एक देश, एक चुनाव" प्रणाली वोटर्स के लिए सरल और सुविधाजनक होती है, क्योंकि वे एक ही समय पर सभी स्तरों के चुनाव में अपना वोट दे सकते हैं। इससे उन्हें अलग-अलग तिथियों पर वोटिंग के लिए जाना नहीं पड़ता है।

  2. DEMOCRACY
    नेताओं की उपाधि: इस प्रणाली से यह सुनिश्चित होता है कि राष्ट्रीय, राज्य, और स्थानीय सरकारों के नेता एक ही चुनाव के माध्यम से चुने जाते हैं, जिससे विचारकों और प्राथमिकताओं के साथ रहने वाले नेता के बीच संघर्ष नहीं होता है।

  3. चुनावी लागत की कमी: एक ही समय पर होने वाले चुनाव से चुनावी लागत कम होती है, क्योंकि एक ही व्यक्ति और पार्टी के लिए एक ही समय पर वोटिंग होती है। यह लागत कमी के कारण सरकारी धन का बर्बाद होने की संभावना कम होती है।

  4. प्रबल सरकार: इस प्रणाली में जीतने वाली पार्टी को सभी स्तरों पर बहुमत मिलता है, जिससे उसकी सरकार बनाने की क्षमता मिलती है, और इससे स्थिर सरकार के रूप में सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने का मौका मिलता है।

  5. वोटरों की भागीदारी: एक देश, एक चुनाव प्रणाली वोटरों को सभी स्तरों पर उनके नये प्रतिनिधियों का चयन करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे सीधे लोकतंत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी कर सकते हैं।

इसके बावजूद, "एक देश, एक चुनाव" प्रणाली की उपयोगिता पर विचार करते समय, ध्यान में रखना चाहिए कि इसे पूरी तरह से प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय आवश्यकताओं के साथ समर्थन देना होता है ताकि यह न्यायपूर्ण और प्रभावी रूप से काम कर सके |

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