वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

जी-20 भारत के लिए खोलेगा विश्व शक्ति के द्वार

मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी और मॉडल ऑफ़ डाईवरसिटी बनेगा भारत

जी-20 भारत

जी-20 का अर्थ है ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी ,इसमें 19 देश और यूरोपियन संघ शामिल है , जी-20 सम्मलेन 9 और 10 सितम्बर को पहली बार भारत में आयोजित होगा ,इसमें सभी देश आपसी सहयोग से अपनी अर्थवयवस्थाओं को बेहतर बनाने पर विचार करेंगे | वसुधैव कुटुंबकम हमारी भारतीय संस्कृति में प्रदर्शित एक दार्शनिक विचार है इसका अर्थ है पूरी दुनिया एक परिवार है,जी-20  सम्मलेन प्रगति मैदान नयी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होगी , इस स्थान के बाहर विश्व की सबसे बड़ी अष्टधातु की नटराज की मूर्ति लगायी गयी है  भारत के प्रधानमत्री जी आज 18 देशों के इंडोनेशिया में आयोजित आसियान और ईस्ट एशिया सबमिट में हिस्सा लेने जा रहे है , तब कल रात को वापस लौटकर कल प्रातः 7.30 जी-20 सम्मलेन में प्रतिभाग करेंगे, भारत आसियान देशों का सदस्य भी नहीं है फिर भी चीन की दक्षिणी चीन सागर में  बढ़ती गतिविधियों पर अंकुश लगाने में आसियान देशों को भारत का सहयोग चाहिए इसलिए इस सम्मलेन में भारत की सहभागिता महत्वपूर्ण हो जाती है| 

जी -20 संघ का परिचय-

जी-20, जिसे ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (Group of Twenty, G20) के रूप में भी जाना जाता है, यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो जी-20 के परिचय को समझाते हैं:

  1. स्थापना: जी-20 का गठन 1999 में हुआ था, लेकिन इसका पहला सम्मेलन 2008 में आयोजित किया गया था, जब विश्व अर्थतंत्र में वित्तीय संकट के समय विचारविमर्श के लिए बुलाया गया था।

  2. सदस्यता: जी-20 में 19 देश और यूरोपीय संघ की प्रतिनिधि शामिल हैं, जो यूरोपीय संघ को एक ही सदस्य के रूप में देखते हैं। इसके साथ ही, एक गैर सदस्य भी होता है, जो विश्व बैंक या आधिकारिक नाम से जाने जाते हैं।

  3. उद्देश्य: जी-20 का मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थतंत्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए वित्तीय मुद्दों का विचारविमर्श करना है। इसमें अर्थव्यवस्था, वित्त, व्यापार, और बैंकिंग के मुद्दे शामिल हैं।

  4. शिखर सम्मेलन: जी-20 का वार्षिक शिखर सम्मेलन होता है, जिसमें सदस्य देशों के नेता एक साथ आते हैं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

  5. ग्लोबल आर्थिक सुधार: जी-20 का एक मुख्य कामकाज ग्लोबल आर्थिक सुधार को प्रोत्साहित करना है, ताकि विश्व अर्थव्यवस्था में स्थिरता और समृद्धि बना रह सके।

जी-20 विश्व अर्थतंत्र में सहमति और समर्पण का प्रतीक है और विभिन्न राष्ट्रों के बीच वित्तीय सहयोग और समृद्धि के माध्यमों का विकास करने का प्रयास करता है। यह संगठन विश्व अर्थतंत्र में सुरक्षित और सामृद्धिकरणीय बदलाव प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है

जी-20 की विषेशताएं-

जी-20, जिसे ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (Group of Twenty, G20) के रूप में भी जाना जाता है, एक अंतर्राष्ट्रीय मूल का संगठन है जो विश्व अर्थतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थतंत्रिक मुद्दों पर सहमति बनाना और समृद्धि के माध्यमों का विकास करना है। यह समृद्धि और सुरक्षा के मुद्दों पर विचारविमर्श करने के लिए अधिकृत तरीके से गठित होता है|



  1. जी-20 की विशेषताएँ (G20 Features) निम्नलिखित हैं:

    1. समर्पण का संगठन: जी-20 एक समर्पण का संगठन है, जो विभिन्न देशों के नेता और नीति निर्माताओं को एक साथ आने का मौका प्रदान करता है ताकि वे विश्व अर्थतंत्र के मुद्दों पर चर्चा कर सकें।

    2. अधिकृत सदस्यता: जी-20 में विश्व के महत्वपूर्ण और स्थिर अर्थव्यवस्थाओं के 19 देश और यूरोपीय संघ की प्रतिनिधि शामिल होती हैं, जो इसके फैसलों को अधिकारिक बनाते हैं।

    3. गैर-सदस्य संगठन: जी-20 का एक गैर-सदस्य संगठन भी होता है, जिसमें विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरह के संगठन शामिल होते हैं, जो सलाहकारी भूमिका निभाते हैं।

    4. आर्थिक और वित्तीय मुद्दे: जी-20 का मुख्य ध्यान आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर होता है, जैसे कि वित्तीय स्थिति, वित्तीय सुधार, और अर्थव्यवस्था के संचालन से संबंधित मुद्दे।

    5. विश्व अर्थतंत्र में समर्थन: जी-20 विश्व अर्थतंत्र में स्थिरता और समृद्धि बढ़ाने के माध्यमों का विचार करने का प्रयास करता है, ताकि अधिक लोग समृद्धि से जुड़ सकें।

    6. विकास और उद्योगिकरण: जी-20 विकास और उद्योगिकरण के मुद्दों पर भी चर्चा करता है और उन्हें समर्थन देता है, खासकर विकासशील देशों को समृद्धि की दिशा में मदद करने के लिए।

    7. वाणिज्यिक यातायात: जी-20 वाणिज्यिक यातायात के मुद्दों पर भी चर्चा करता है और विश्व वाणिज्यिक यातायात को सुधारने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

    8. जलवायु परिवर्तन: जी-20 जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है और सामृद्धि के साथ संरक्षणीय विकास के माध्यमों को बढ़ावा देता है।

    9. विश्व सुरक्षा और सुरक्षा: जी-20 विश्व सुरक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा करता है और सुरक्षा संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए मदद करता है।

    10. ग्लोबल आर्थिक सुधार: जी-20 का मुख्य कामकाज ग्लोबल आर्थिक सुधार को प्रोत्साहित करना है, ताकि विश्व अर्थव्यवस्था में स्थिरता और समृद्धि बना रह सके।

    11. विश्वासघातक समस्याएं: जी-20 विश्वासघातक समस्याओं के समाधान के लिए साथ में काम करता है, जैसे कि वित्तीय संकट, वित्तीय बाजारों की स्थिति, और अर्थव्यवस्था के संचालन में आने वाली चुनौतियां।

    12. महत्वपूर्ण सम्मेलन: जी-20 वर्ष में एक बड़ा शिखर सम्मेलन आयोजित करता है, जिसमें सदस्य देशों के नेता एक साथ आते हैं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं

जी-20 विश्व अर्थतंत्र में सहमति और समर्पण का प्रतीक है और विभिन्न राष्ट्रों के बीच वित्तीय सहयोग और समृद्धि के माध्यमों का विकास करने का प्रयास करता है।

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