वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

चित्र
वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

भारत ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना के बाद तीसरे स्थान पर

 कश्मीर में  मिला 3,384 अरब का खजाना 



कश्मीर में मिले लिथियम  के भंडार -

            भारत में  पहली बार लिथियम के भण्डार मिले है ,कश्मीर को भारत का स्वर्ग कहा जाता है ये बात आज पुनः सच हो गयी जब खनन मंत्रालय को कश्मीर के रियासी जिले में सलाल हैमाना इलाके में लगभग 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला ,जिसके साथ साथ सोने का भंडार भी मिला है ,सेंट्रल जिओलॉजिकल प्रोग्रामिंग बॉर्ड की रिपोर्ट के अनुसार लिथियम के अतिरिक्त 15 अन्य संसाधन के भंडार भी प्राप्त हुए है जो पोटाश,मॉलिब्लडेनम , बेस मेटल से जुड़े खनिज है | 

बाजार में क्या है कीमत लिथियम की -

लिथियम की कीमत बदलती रहती है जो शेयर बाजार के आधार पर प्रतिदिन तय होती है लिथियम की कीमत औसतन 58  लाख रूपये प्रति टन है इस हिसाब से देखें तो भारत में 59 लाख टन का भंडार मिला है जिसकी औसतन कीमत लगभग 3386 अरब रुपए होगी ,लिथियम का ये भण्डार भारत को ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना के बराबर ला खड़ा कर देगा क्यूकि अबतक भारत अपनी जरुरत के अनुसार लिथियम चीन या ऑस्ट्रेलिया से ही आयात करता था जिसके लिए उसे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा देनी पड़ती थी ,सरकार का प्रयास है कि जल्दी ही इन लिथियम ब्लॉक्स की नीलामी की जाये जिससे भारत लिथियम पर अपनी विदेशी निर्भरता को कम कर सके | अब तक लिथियम उत्पादन में ऑस्ट्रेलिया विश्व में  प्रथम स्थान पर है जो विश्व का 52 प्रतिशत लिथियम उत्पादित करता है, दूसरे नंबर पर चिली आता है जो लिथियम का 24 प्रतिशत उत्पादक देश है, तीसरे नंबर पर चीन है जो लिथियम का 13 प्रतिशत उत्पादन करता है | 

लिथियम का उपयोग -

आज के समय में जब जीवाश्म ईंधन की कीमत आसमान छू रही रही है तो प्रत्येक देश ग्रीन एनर्जी पर स्विच करने में लगा है  कार्बन उतसर्जन को कम करने के लिए ग्रीन एनर्जी ही सबसे बेहतर उपाय है ,ऐसे में  लिथियम की कीमत औरअधिक बढ़ना तय है पिछले 15 वर्षों में  लिथियम की कीमत 30 गुना बढ़ी है  लिथियम आयन बैटरी की मदद से रिन्यूएबल एनर्जी को एकत्र कर सकता है जिसे बाद में जरुरत में हिसाब से उपयोग में जा सकता है ,इलेक्ट्रिक कार हो या बस या ट्रक इन सभी की बैटरी में लिथियम मुख्य भूमिका में होता है भारत में  लिथियम मिलने से बैटरी से सम्बंधित उद्योग बूम कर सकते है भविष्य में बैटरी चलित वाहन, मोबाइल फ़ोन, सोलर पैनल की कीमत घट सकती है, मानसिक बीमारियों के ईलाज में भी  लिथियम का प्रयोग मेडिकल सेवा के लिए किया जाता है  लिथियम जैसे खनिज नई टेक्निक के लिए बहुत आवशयक है |  लिथियम का ये भंडार भारत में ग्रीन एनर्जी के फील्ड में में एक नई क्रांति ला  सकता है और अगले कुछ वर्षो में मोबाइल फ़ोन, चार्जेबल बैटरी चलित वाहनों की कीमत में भी कमी देखने को अवश्य  मिलेगी | 

YOU MAY ALSO LIKE IT -


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लोकसभा निर्वाचन में मतदान पार्टियों के मतदेय स्थल पर ठहराव हेतु बिस्तर व्यवस्था नया आदेश

2024 -25 मासिक परीक्षा शैक्षिक पंचाग के सम्बन्ध में

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 ,12 का रिजल्ट होगा कल जारी, ऐसे चेक करें