वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

अब उत्तराखंड में डेढ़ हजार से भी अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करने है तैयारी

डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों को बंद कर क्लस्टर स्कूलों में किया जायेगा शामिल   

क्लस्टर स्कूलों में किया जायेगा शामिल   

क्या उत्तराखंड सरकार भी सरकारी स्कूलों के निजीकरण करने की दशा में कदम बढ़ाने जा रही है राजकीय शिक्षक संघ का तो यही मानना है इसके चलते ही राजकीय शिक्षक संघ ने इस योजना का विरोध करने का भी मन बना लिया है उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक श्री महावीर सिंह बिष्ट की और से राज्य के सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारीयों को 20 जनवरी को एक पत्र लिखा गया है इस पत्र के साथ 15 जनवरी को सचिव श्री रविनाथ रमन की और से जारी शासनादेश की प्रति भी संलग्न है जिसमे सभी मुख्य शिक्षा अधिकारीयों को क्लस्टर स्कूलों की स्थापना के लिए जरुरी कार्यवाही के लिए निर्देश दिए गए है | 

उत्तराखंड में सरकार अब स्कूलों की संख्या को कम करके उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास करेगी इसी के अंतर्गत आधारभूत संरचना के आधार पर  डेढ़ हजार से भी अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करके उन्हें 559 क्लस्टर या एक्सीलेंट स्कूलों में शामिल किया जायेगा इन्हे उत्कृष्ट विद्यालयों की तरह से सुविधासम्पन्न बनाया जायेगा यानी अलग अलग विद्यालयों के स्थान पर अब सरकार इन उत्कृष्ट या एक्सीलेंट स्कूलों को ही सुविधा संपन्न बनाएगी ये उत्कृष्ट विद्यालय ऐसे होंगे जिनकी 15 किलोमीटर की परिधि में एक से अधिक हाई स्कूल या इंटरमीडिएट स्कूल होंगे इनमे कुछ मानक भी बनाये गए है जैसे स्कूल तक सड़क , बिजली पानी की व्यवस्था , टॉयलेट्स और आस पास की जमीन इनकी अपनी होनी चाहिए , इन उत्कृष्ट विद्यालयों में छात्रों को स्कूल बस से आने जाने की सुविधा भी दी जाएगी | 

इस योजना के पहले चरण में चयनित किये गए विद्यालयों में कक्षा कक्ष पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करायें जायेंगे ,दूसरे चरण में फर्नीचर , लाइब्रेरी , स्मार्टक्लास ,और लेबोरेटरी उपलब्ध कराई जाएँगी इन्हे निजी स्कूलों से भी बेहतर और कम शुल्क वाला बनाने का प्रस्ताव लाया जायेगा जिससे छात्रों को स्वंय ही यहाँ आकर प्रवेश लेने की प्रेरणा मिल सकें और यहां पर छात्र संख्या में वृद्धि हो सकेँ | 


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