पदोन्नति के लिए महिला और पुरुषों की अलग अलग वरिष्ठता सूची बनाने पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
क्या होगा आधार, दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को दिया आदेश
वरिष्ठता सूची बनाने पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला |
पूरा मामला 2014 में एक व्यायाम शिक्षक ने अपनी पदोन्नति को लेकर दायर याचिका के सम्बन्ध में हाईकोर्ट के निर्णय से जुड़ा है , शिक्षक ने माननीय हाईकोर्ट से कहा था कि उनसे बाद में नियुक्त हुए शिक्षकों का प्रमोशन कर दिया गया है जबकि उनका प्रमोशन अभी तक नहीं हुआ है , इस पर दिल्ली सरकार को कोर्ट ने तलब किया तो दिल्ली सरकार ने जवाब में कहा कि महिला शिक्षकों को अलग वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नत किया जाता है जबकि पुरुषों की वरिष्ठता सूची अलग से बनायीं जाती है तो कोर्ट ने इस पर दोनों पक्षों की बात सुनकर दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि पदोन्नति के लिए महिला पुरुष में भेदभाव का कोई आधार नहीं है पदोन्नति के लिए महिला और पुरुषों की अलग अलग वरिष्ठता सूची बनाना और पदोन्नति देना पूरी तरह से गैर क़ानूनी है |
माननीय उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि महिला पुरुषों की एक ही वरिष्ठता सूची बनाई जाये और जिसकी नियुक्ति पहले हो उसे पहले पदोन्नत किया जाना चाहिए , कोर्ट ने सरकार की पुरानी पदोन्नति व्यवस्था पर तत्काल रोक लगते हुए लिखा कि 2014 से 2022 के बीच पदोन्नत हुए शिक्षकों की स्थिति में कोई परिवर्तन ना किया जाए क्योंकि इससे पूरी व्यवस्था बिगड़ सकती है , इस बीच लगभग दस हजार शिक्षकों को प्रमोशन दिया गया था |
YOU MAY ALSO LIKE IT-
- प्रोजेक्ट कार्य 6 - भारत में पाए जाने वाले खनिज पदार्थ और उनका वितरण
- सीबीएसई कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सूचना
- अब उत्तराखण्ड में डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड से कटेगा गाड़ियों का चालान
- इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य
- सरकारी सेवा में पति पत्नी की एक ही स्थान पर तैनाती के सम्बन्ध में हाईकोर्ट की टिप्पणी
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.