4500 से अधिक शिक्षकों की फर्जी डिग्री है निशाने पर, क्या है नियम बर्खास्तगी के बाद
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जानिए क्या होता है बर्खास्तगी में नियम
क्या है नियम बर्खास्तगी के बाद |
उत्तर प्रदेश में हाल ही में एसआईटी की जाँच के बाद देवरिया जिले में 85 शिक्षकों को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है इससे पहले भी एसआईटी की जाँच में कई जनपदों के शिक्षक और कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है 2019 से जारी एसआईटी की जाँच में 4700 के लगभग ऐसे शिक्षक मिले थे जिनकी बीएड की डिग्री या तो फर्जी थी या फिर उनमे टेक्निक के माध्यम से शब्दों या अंकों की हेराफेरी की गयी थी इसी क्रम में 80 शिक्षकों की बर्खास्तगी 2018 से 2019 में भी की गयी थी |
क्या होता है बर्खास्तगी के बाद , क्या निर्देश है कोर्ट के -
सरकारी सेवा में बर्खास्तगी का सीधा मतलब है सेवा की समाप्ति , ऐसा व्यक्ति जिसे बर्खास्त किया जाता है उसे किसी भी प्रकार का कोई भत्ता और वेतन नहीं दिया जाता है ऐसा व्यक्ति किसी भी सरकारी नौकरी के लिए दोबारा आवेदन नहीं कर सकता है और न ही किसी सरकारी पद पर बना रह सकता है ऐसे व्यक्ति जो सरकार के नियमानुसार बर्खास्त किये जाते है और भविष्य में कोई भी किसी प्रकार का चुनाव भी नहीं लड़ सकते है | इस सन्दर्भ में माननीय कोर्ट ने ये भी तय किया है कि किसी भी कर्मचारी को बिना पर्याप्त साक्ष्य और जाँच उसके पद से केवल आरोप के आधार पर बर्खास्त नहीं किया जा सकता है इस सन्दर्भ में उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थ के जाँच के समय या सुनिश्चित करें कि बर्खास्तगी में नियम 11 का पालन किया गया हो |
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