सरकार ने भारत में सभी कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन

छात्रों के हितों में उठाये गए कई कदम 

कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन 

आपने कई कोचिंग संस्थानों के बोर्ड में लिखा हुआ पढ़ा होगा कि हम आपके बच्चो को परीक्षा में अच्छे अंक लाने की गारंटी देते है या अच्छी रैंक लाने का गारंटी देते है तो तो ये पंक्ति अब आप कभी नहीं पढ़ पाएंगे | शिक्षा मंत्रालय ने अपने नए घोषित दिशा निर्देशों में स्पष्ट लिखा है कि आप अच्छे रैंक या अंको की गारंटी नहीं दे सकते है न ही भ्रामक वादे सकते है | अब कोई भी कॉचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चो को अपने यहाँ नामांकित नहीं कर सकता है साथ ही कोई भी कोचिंग संस्थान छात्रों का नामांकन माध्यमिक परीक्षा से एकदम पहले नहीं किया जा सकता है आपके कोचिंग संस्थान में जो भी ट्यूटर रखा जायेगा उसकी कम से कम योग्यता स्नातक होनी चाहिए इसके अतिरिक्त वह ट्यूटर किसी अनैतिक कार्यो में दोषी नहीं ठहराया गया हो | 

प्रत्येक कोचिंग संस्थान के पास अपने पाठ्यक्रमों को पूरा करने की अवधि और पाठ्क्रमों के नाम ,पाठ्यक्रमों की फीस , छात्रों के लिए छात्रावास सुविधा को दर्शाती हुई एक वेबसाइट भी अनिवार्य कर दी गयी है जो फीस छात्रों से ली जाती है उसकी रसीद भी दी जानी चाहिए यदि किसी छात्र ने अपनी पूरी फीस का पूरा भुगतान कर दिया है और वह अब आगे नहीं पढ़ना चाहता है ऐसे में अनुपातिक आधार पर उसकी फीस में से शेष फीस उसे दस दिनों के भीतर वापस कर दी जाएगी | 

देश के कुछ शिक्षण कोचिंग संस्थान के बारे में सरकार को शिकायते मिल रही थी कि वो छात्रों पर अच्छे रिजल्ट के लिए अत्यधिक दबाव बनाते है कुछ संस्थानों की शिक्षण पद्धति और उन द्वारा प्रदत्त सुविधाएँ भी निम्न स्तरीय होती है जिसके कारण छात्रों में आत्महत्या जैसी प्रवृति बढ़ रही है  | 

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