उत्तराखण्ड में अब प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की भी होगी प्रमाण पत्रों की जाँच

कई निजी स्कूल में शिक्षक नहीं पूरा करते NCTE मानक 

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की भी होगी प्रमाण पत्रों की जाँच 

नियमानुसार ऐसे शिक्षक जो NCTE के मानकों को पूरा नहीं करते है कि स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिए योग्य नहीं माने जायेंगे , शिक्षक को अनिवार्य रूप से NCTE के मानकों को पूरा करना चाहिए | अब उत्तराखंड शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में तैनात शिक्षक और प्रधानाचार्य के शैक्षिक योग्यता प्रपत्रों को भी जांचेगा क्योंकि जब सरकारी मशीनरी SIT सरकारी अध्यापकों के प्रमाण पत्रों और शैक्षिक योग्यता की जाँच कर रही थी तभी से ये मांग भी उठ रही थी कि प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक और प्रधानाचार्य के प्रमाण पत्रों की भी जाँच SIT से कराई जाये लेकिन SIT को केवल सरकारी अध्यापकों के प्रमाण पत्र और शैक्षिक योग्यता की जाँच के आदेश थे इसलिए अब उत्तराखंड शिक्षा विभाग ये जाँच नए सिरे से करवाएगा | मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत ने एक सप्ताह के अंदर ये जाँच पूरी करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए है | 

शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार राजधानी देहरादून में कई विद्यालय में ऐसे शिक्षक हो सकते है जो NCTE के मानकों को पूरा किये बिना ही छात्रों पढ़ा रहे है या फिर उनके पास अमान्य या फर्जी डिग्री हो सकती है इसलिए विभागीय जाँच के दौरान उनकी डिग्रीयों का सत्यापन भी करवाया जा सकता है सनद रहे कि जब किसी स्कूल को मान्यता प्रदान की जाती है तो उसमे ये शर्त भी होती है कि उनके विद्यालय में नियुक्त शिक्षक NCTE के न्यूनतम मानकों को अनिवार्य रूप से पूरा करते हो ऐसा नहीं होने की दशा में उन स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है |  

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