उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू

एजुकेशन पोर्टल पर शिक्षकों की सेवा जोड़ने का कार्य आरंभ 

शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू 

उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग ने सात हजार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षकों को उनकी दुर्गम की सेवा अवधि का दोगुना लाभ देना शुरू कर दिया है, यानि एक वर्ष की दुर्गम सेवा अवधि को दो वर्ष की दुर्गम सेवा अवधि मान जायेगा जिसकी गणना एजुकेशन पोर्टल पर ऑनलाइन करनी शुरू कर दी गयी है और शिक्षकों के रिकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है संशोधित किया जा रहा है | 

सात हजार फ़ीट कम ऊंचाई पर दुर्गम में स्थित स्कूलों में अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षकों को एक साल दुर्गम की सेवा अवधि को सवा साल के बराबर दुर्गम सेवा अवधि माना जायेगा और इसी आधार पर उनकी सेवा को एजुकेशन पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है लेकिन शिक्षकों का बड़ा वर्ग इस से नाराज है और माननीय कोर्ट में इसे चुनौती देने पर विचार कर रहा है क्योंकि विभाग ने सेवा की गणना एक्ट लागू होने के वर्ष 2017 से दुर्गम की सेवा को जोड़ना शुरू किया है जो उन शिक्षकों के साथ सरासर बेमानी है जिन्होंने 2017 से पहले भी दुर्गम में अपनी सेवाएं दी है अब इसी बात को लेकर की 2017 को कट ऑफ डेट नहीं बनाया जा सकता है शिक्षक संघ भी नाराज है | 


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