वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

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वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना

सीबीएसई को लागत भुगतान करने का भी दिया आदेश 

अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना 


सीबीएसई अपने सर्कुलर में स्पष्ट तौर से निर्देशित करता है कि छात्रों के मार्क्स अपलोड करते समय स्कूल स्तर ,इंटरनल एक्सामिनर और एक्सटर्नल एक्सामिनर सभी मिलकर ये सुनिश्चित कर लें कि छात्रों के सही प्रकार से और शुद्ध मार्क्स अपलोड किये गए है क्योंकि एक बार मार्क्स अपलोड कर दिए जाने के बाद इसमें कोई परिवर्तन और संशोधन स्वीकार्य नहीं होगा, लेकिन मानवीय त्रुटि के कारण भूलवश इस विद्यालय से दो छात्राओं के नाम एक जैसे होने के कारण उनके अंक एक दूसरे के स्थान पर अपलोड कर दिए गए थे इसे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्कूली स्तर पर लापरवाही का मामला मानते हुए कहा कि स्कूल स्तर पर हुई गलती के कारण न केवल याचिकाकर्ता को नुक्सान हुआ है बल्कि सीबीएसई बोर्ड को भी मामले में बेवजह मुकदमे का खर्च उठाना पड़ा जबकि इस पुरे मामले में सीबीएसई बोर्ड के स्तर पर कोई गलती नहीं हुई है | 

2021 की हाई स्कूल की परीक्षा की छात्रा के अंक एक दूसरे समान नाम वाली छात्रा से अदला बदली होने कारण शून्य अंक प्राप्त करने वाली छात्रा कक्षा 11 में प्रवेश पाने से वंचित रह गयी इसके बाद उसने अपने परीक्षाफल में अपेक्षित संशोधन के लिए और परीक्षा परिणाम में सुधार कर नया अंक प्रमाण पत्र जारी करने की मांग करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया | छात्रा की और से बताया गया कि जब उसने सीबीएसई बोर्ड से अपने परीक्षा परिणाम में संशोधन की मांग की तो उसे सूचित किया गया कि विद्यालय ने निर्धारित समय के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर मार्क्स रिवाइज्ड नहीं किया है जबकि स्कूल छात्रा को कहता रहा कि प्रकरण को सीबीएसई को भेज दिया गया है लेकिन सीबीएसई की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है | अब पुरे मामले पर कोर्ट ने स्कूल पर अर्थदण्ड लगाते हुए स्कूल से सीबीएसई को भी मुकदमे का खर्च भुगतान करने को कहा है | 


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