फर्जी डिग्रियां फिर है जाँच के दायरें में

सरकारी नौकरी वालों की डिग्री पर विजिलेंस की टेढ़ी नजर 

VIGILANCE DEPARTMENT

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजेस के नाम पर हर साल अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की बनी फर्जी डिग्री और अंकपत्र मार्कशीट्स यूनिवर्सिटी के विजिलेंस विभाग द्वार जाँच में पकड़ी जाती है , इसबार उत्तरप्रदेश, दिल्ली , गुजरात , नैनीताल , चंडीगढ़ बार कॉउन्सिल में आवेदन करने वाले छात्रों की डिग्रीयों में से 100 से भी अधिक डिग्री फर्जी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है फिलहाल विजिलेंस इनकी जाँच कर रहा है, इनके रिकॉर्ड चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड से भी मेल नहीं हो रहे है,  इनमे से किसी की डिग्री के अनुक्रमांक में एक डिजिट अनमैच है तो किसी में नाम की स्पेलिंग में अंतर आ रहा है | 

जब किसी अभ्यर्थी की सरकारी नौकरी लगती है तो उसके सभी शैक्षिणिक प्रपत्र जाँच के लिए भेजे जाते है जिनका सम्बंधित विश्वविद्यालय अपने विजिलेंस विभाग से सत्यापन करवाता है , ज्ञात रहे कि 2022 में भी उत्तराखंड पंजाब गुजरात और पश्चिम बंगाल में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजेस में अध्यापकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स की डिग्री की जाँच जब चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के विजिलेंस विभाग ने की तो उसमे से 32 डिग्री फर्जी पायी गयी थी | 

कोई भी करवा सकता है सत्यापन -

बहुत से लोग शादी से पहले लड़के या लड़की की मार्कशीट्स का सत्यापन कराते है जिससे की डिग्री के फर्जीवाड़े से बचा जा सकें , ये सत्पायन कोई भी करा सकता है इसके लिए शिक्षा बोर्ड या विश्वविद्यालय के विजिलेंस विभाग में 350 रुपए की फीस जमा करनी होती है और विजिलेंस विभाग डिग्री का सत्यापन कर रिपोर्ट दे देता है|  

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