वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभागीय आय व्ययक तैयार किये जाने के सम्बन्ध में

चित्र
वित्तीय वर्ष 2025-26  के लिए विभागीय आय व्ययक  पेज 01  पेज 02  YOU MAY ALSO LIKE IT- हिममेधा ब्लॉग उत्तराखण्ड में शिक्षकों को दुर्गम की सेवाओं का दोगुना लाभ मिलना शुरू  इस पड़ौसी राज्य में अब सहायक अध्यापक भी बन सकेंगे प्रधानाचार्य  प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान- यूरोप में समाजवाद और रुसी क्रांति  सीबीएसई परीक्षा में स्कूल ने गलती से छात्रा को दे दिए जीरो मार्क्स, अब कोर्ट ने लगाया 30 हजार रूपये का जुर्माना  उत्तराखण्ड बोर्ड ने घोषित की प्रैक्टिकल और बोर्ड परीक्षा की डेट

मैन्ग्रोव रोकेगें समुद्री तूफान

 सरकार का फैसला- बजट 2023 



मैंग्रोव के जंगल 

जाने मैंग्रोव वनों के बारे में -

                पेड़ और झाड़ियाँ जो खारे पानी में रहने के  लिए अनुकूलित बन गए है  मैंग्रोव वनस्पति कहलाती है ये सभी पेड़ कम ऑक्सीजन वाली मिटटी में पनपते  है  जहाँ धीमी  गति से चलने वाली धाराओं के कारण बारीक तलछट बन जाते है मैंग्रोव वन उष्ण कटिबन्धीय और उपोष्ण कटिबन्धीय प्रदेशो में पाए जाते है इनका वैश्विक विस्तार 13780 वर्ग किलोमीटर में फैला है इनका अक्षांशीय विस्तार 25 डिग्री नार्थ से 25 डिग्री साउथ के मध्य फैला है  भारत में 10 प्रकार के मैंग्रोव वन पाए जाते है जो गुजरात , गोवा,महारष्ट्र , कर्नाटक केरल ,तमिलनाडु , आंध्रप्रदेश ,ओडिशा और पश्च्मि बंगाल में पाए जाते है, पश्चिम  बंगाल में भारत के 45 .45 प्रतिशत , गुजरात में 23 .66  प्रतिशत ,  अंडमान निकोबार में  12 .39 प्रतिशत मैंग्रोव वन जाते है मैंग्रोव के जंगल में रॉयल टाइगर  प्रमुख  रूप  से पाया  जाने वाला  जानवर है  , विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव जंगल सुन्दर वन है जो पश्चिम बंगाल के कोलकाता से 110 किलोमीटर दूर 24 परगना जिले के दक्षिण में है सुन्दर वन नाम इसमें प्रमुखता से पाये  जाने वाले सुंदरी नाम के वृक्ष के कारण पड़ा |भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वाला प्रदेश ओडिशा है जहाँ पर ब्राह्मणी और वैतरणी नदी के डेल्टा पर बना भितरकनिका में  मैंग्रोव वन है |  

सरकार देगी मैंग्रोव को प्रोत्साहन-

                2013  में पूर्वी भारत में आया समुद्री  तूफ़ान फइलिन , 2014  में आया  समुद्री  तूफ़ान हुदहुद , 2017  में आया समुद्री तूफ़ान ओखी , 2018 में आया तितली तूफ़ान पिछले कुछ वर्षों  में सबसे अधिक  तबाही मचाने  तूफ़ान थे | वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवा बजट पेश करते हुए कहा कि मैंग्रोव वनों को मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोर लाइन हैबिटैट एंड टेंजिबल  इनकम स्कीम (MISHTI) के तहत लगाया जायेगा मैंग्रोव वन और झाड़ियाँ समुद्र तटीय इलाको में तट के पास जमीन पर अपनी जड़ों को फैलाते  है ये मिलकर एक ऐसा जाल बनाते है जो चक्रवातीय तूफानों की गति को समुद्र के तट पर ही काफी कम करने में सहायक हो जाता है और तूफान की गति  तट से अंदर आते आते कम हो जाती है जिससे जानमाल के नुकसान की दर भी कम हो जाती है | 

you may like also -


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

लोकसभा निर्वाचन में मतदान पार्टियों के मतदेय स्थल पर ठहराव हेतु बिस्तर व्यवस्था नया आदेश

2024 -25 मासिक परीक्षा शैक्षिक पंचाग के सम्बन्ध में

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 ,12 का रिजल्ट होगा कल जारी, ऐसे चेक करें