प्रधानमंत्री मोदी ने किया नामकरण
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अंडमान निकोबार द्वीप |
23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बॉस का जन्म दिवस पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है , इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने अंडमान निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया है जिनके नाम अभी तक नहीं रखे गए थे पराक्रम दिवस पर आयोजित इस प्रोग्राम में इन 21 द्वीपों का नाम पहली बार रखा गया है अंडमान निकोबार द्वीपों का भारत सामरिक दृष्टि से बहुत महत्व है पहले सबसे बड़े बिना नाम वाले द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा गया फिर अन्य द्वीपों के नाम रखे गए जैसे-
- धन सिंह द्वीप - लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा
- तारापुर द्वीप - लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोरे
- करम सिंह द्वीप - लांस नायक करम सिंह
- बाना द्वीप - नायब सूबेदार बाना सिंह
- एक्का द्वीप- लांस नायक अल्बर्ट एक्का
- खेत्रपाल द्वीप - द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल
- पांडे द्वीप -लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे
- होशियार द्वीप - मेजर होशियार सिंह
- शैतान द्वीप - मेजर शैतान सिंह
- जदुनाथ द्वीप- नायक जदुनाथ सिंह
- योगेंद्र द्वीप - सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव
- हामिद द्वीप- कॉम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद
- राणे द्वीप -द्वितीय लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे
- रमा स्वामी द्वीप - मेजर रामा स्वामी परमेश्वरन
- बत्रा द्वीप - कप्तान विक्रम बत्रा
- जोगिंद्र द्वीप - सूबेदार जोगिन्दर सिंह
- सलारिया द्वीप - कप्तान जी. एस. सलारिया
- पीरू द्वीप - कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह
- सोमनाथ द्वीप - मेजर सोमनाथ सिंह
- सेंखों द्वीप - फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह
- संजय द्वीप -सूबेदार मेजर संजय कुमार
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नया नामकरण |
नेता जी सुभाष चंद्र बॉस का अंडमान निकोबार द्वीप समूह से है अटूट सम्बन्ध -
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार अंडमान शब्द की उत्पति मलय शब्द से हुई है कुछ देश यहाँ से लोगो को पकड़कर गुलामी करने के लिए जाते थे इसलिए इस द्वीप को हंदुमान द्वीप भी कहते थे पहले इस द्वीप पर हालैंड का कब्जा था फिर ग्रेट ब्रिटेन ने इस पर कब्ज़ा कर लिया ,द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने इस पर कब्जा कर लिया था तब जापान ने पहली बार इस द्वीप को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को सौंप दिया, 30 दिसम्बर 1943 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने पहली बार इस द्वीप पर तिरंगा फहराया और इस द्वीप समूह का नाम स्वराज द्वीप रखा , आजाद हिन्द सरकार ने जनरल लोकनाथ को स्वराज द्वीप का पहला गर्वनर नियुक्त किया, 1947 में आजादी के बाद में यह द्वीप केन्द्र शासित प्रदेश बना रहा। अंग्रेजों ने यहां पर सेल्यूलर जेल बनाई और वीर सावरकर, बटुकेश्वर दत्त जैसै क्रांतिकारियों को यहां कैद में रखा।
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